सभ्यता से मृदु वाणी में बातचीत करना यह ही मनुष्य का ‘‘उत्तम मार्दव धर्म’’ है

अजमेर 04 सितम्बर – पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला, अजमेर में दस दिवसीय पयूर्षण पर्वराज के उपलक्ष में द्वितीय दिन पर ‘‘उत्तम मार्दव धर्म’’ पर भगवान सुपाष्र्वनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस मनाया गया।
नवकार महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती सरिता जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी व नेहा दीदी के सानिध्य में श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा जयकारो व अति भक्ति भाव से सम्पन्न हुईं तत्पष्चात् नित्य नियम पूजा सुणष्र्वनाथ भगवान की पूजा व उत्तम मार्दव धर्म की संगीतमय पूजा आयोजित की गई।
सभा को सम्बोधित करते हुए ‘‘उत्तम मार्दव धर्म’’ पर ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी व नेहा दीदी ने कहा कि ‘‘मृदोभवि’’ भावों का नम्र होना ही मार्दव धर्म है। मार्दव का विपरीत है मान या मद। यह आठ प्रकार का होता है – ज्ञान, पूजा, कुल, जाति, बल, ऋृदि, तप व रूपा मद। जिन मनुष्यों के यह मद होते है वह अभिमानी कहलाते है। अभिमानी की सभी निंदा करते है, हृदय में अभिमान जागृत होते ही गुणों का विकास रूक जाता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति से कठोरता का व्यवहार नहीं करना चाहिये, अपमान नहीं करना चाहिये। कड़े व मर्मभेदी वचन नहीं बोलने चाहिये। सबके साथ सभ्यता से मृदु वाणी में वार्तालाप करना, नम्रता से भ्रद व्यवहार करना यह ही मनुष्य ‘‘उत्तम मार्दव धर्म’’ है। इसे धारण करने से परिणामों में श्रेष्ठता आती है, लोक में सुयष प्राप्त होता है, आत्मा का उत्थान होता है। अतः हमें अपने जीवन में मार्दव धर्म को हृदय में दृढतापूर्वक धारण करना चाहिये।
इसी क्रम में कल दिनांक 05 सितम्बर गुरूवार को प्रातः 6ः30 बजे से मंगलाचरण (मंगलाष्टक), 7ः00 बजे श्रीजी का अभिषेक व 7ः15 बजे से विष्व शांति की कामना व समस्त जीवों के कल्याण हेतु ब्रहद् शांतिधारा ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी द्वारा सम्पन्न करवाई जायेगी। तत्पष्चात् संगीतमय नित्य नियम पूजा व दस लक्षण महामंडल विधान किया जायेगा। इसके साथ ही सांय 6ः40 बजे से सामूहिक आरती, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों भी पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला में आयोजित किये जायेेगे।

(सरिता जैन)
अध्यक्षा
मो. 9530292776

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