अजमेर 06 सितम्बर – पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला, अजमेर में दस दिवसीय पयूर्षण पर्वराज के उपलक्ष में चतुर्थ दिन उत्तम शौच धर्म पर अष्ठमी व भगवान पुष्प देवजी का मोक्ष कल्याणक होने से यह दिन ओर दिनो से भी अधिक भक्ति भाव लेकर आया है। ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी, नेहा दीदी व खुषबु दीदी के सानिध्य में आज विषेष शांतिधारा सम्पन्न कराई गई।
नवकार महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती सरिता जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज भगवान पुष्पदंत जी का निर्वाण लाडू लढाया गया। श्रावक व श्राविकाओं का तप व आत्म कल्याण की भावना दिन प्रतिदिन वृद्धिगत होती जा रही है। जयकारों के साथ अभिषेक व शांतिधारा सम्पन्न हुई।
सभा को सम्बोधित करते हुए ‘‘उत्तम शौच धर्म’’ पर ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी व नेहा दीदी ने कहा कि आज उत्तम शौच धर्म का दिन है। शौच का अर्थ है उज्जवलता व पवित्रता। अज्ञानी व्यक्ति शरीर को स्वच्छ करने को शौच समझता है, शरीर भी बाहरी रूप से ही स्वच्छ हो सकता है, यह सप्त धातु, मलमूत्र से भरा तन जल से शुचिता को प्राप्त नहीं कर सकता। उत्तम शौच धर्म आत्म शुद्धि हेतु मन की मलिनता को स्वच्छ करने का धर्म है। मन का मुख्य मैल लोभ है, चोरी, डकैती, छल, बेईमानी व अनीति का जन्मदाता लोभ ही है। लोभ को सभी पापो का बाप बताया गया है। सभी पापो से बचने के लिए जैन धर्म में शौच को परम धर्म माना है। जवीन के लिए आवष्यकता से अधिक वस्तु न रखकर परहित व जनकल्याणक की भावना रखनी चाहिये। निर्लोभ कृति से ही मन, वचन व काया की शुचिता प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार ब्रहमचारिणी बहन संगीता दीदी ने सभी श्रावक श्राविकाओं को लोभ का परित्याग कर उत्तम शौच धर्म को अपने जीवन में अंगीकार कर संतोष से जीने का मार्ग बताया।
इसी क्रम में कल दिनांक 07 सितम्बर शनिवार को प्रातः 6ः30 बजे से मंगलाचरण (मंगलाष्टक), 7ः00 बजे श्रीजी का अभिषेक व 7ः15 बजे से विष्व शांति की कामना व समस्त जीवों के कल्याण हेतु ब्रहद् शांतिधारा ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी द्वारा सम्पन्न करवाई जायेगी। तत्पष्चात् संगीतमय नित्य नियम पूजा व दस लक्षण महामंडल विधान किया जायेगा। इसके साथ ही सांय 6ः40 बजे से सामूहिक आरती, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों भी पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला में आयोजित किये जायेेगे।
(सरिता जैन)
अध्यक्षा
मो. 9530292776