पुष्कर जैसे तीर्थ में भी अज्ञात व्यक्ति ने डाल दिया गाय पर तेजाब

तो धार्मिक नगरी में भी सुरक्षित नही है गऊ माता । गौ सेवको ने इलाज के लिए टॉल्फा हॉस्पिटल भेजा
गायो को पकड़कर अन्यत्र छोड़ने की बजाय गऊ शालाओ में ही हो उनका रख रखाव , पालिका ई ओ सहित प्रशासनिक अधिकारी करे गऊशालाओं को पाबंद

आज देश के कई राज्यो में विचरण करने वाली गऊ माताओ के हालात बेहद चिंताजनक है । कई जगह गायो की जमकर तस्करी की जा रही है तो कई जगह उनकी हत्या की जा रही है । पहले लगता था कि हिंदुओं के तीर्थ स्थलों में तो कम से कम गाये सुरक्षित है , लेकिन कल पुष्कर में एक गाय पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा तेजाब डालकर उसे लहू लुहान कर दिए जाने और जगह जगह से चमड़ी उधेड़ दिए जाने की हृदय विदारक घटना सामने आने के बाद तो लगता है कि अब पुष्कर जैसे तीर्थ में भी गऊ माताएं सुरक्षित नही है । यह हमारे लिए दुर्भाग्य के साथ साथ गहरी चिंता की बात है कि यहां भी ऐसी क्रूर मानसिकता रखने वाले लोगो ने डेरा जमा लिया है जो बेजुबान गाय पर तेजाब डालकर झुलसा देने जैसा घिनौना अत्याचार करने से भी बाज नही आते । जिसके बारे में सोचकर ही रुह कांप जाती है वैसी घटनाएं अब यहां भी होने लगी है ।

राकेश भट्ट
तेजाब से झुलसकर पीठ से जगह जगह उतरकर लटक चुकी चमड़ी और लहूलुहान होने के बाद दर्द से कराहती गाय की पीड़ा को किसी भी शब्दों में बयान नही किया जा सकता । बस उसकी पीड़ा का मात्र अहसास किया जा सकता है । गाय पर हुए अत्याचार की सूचना के बाद गौ सेवक हेमंत रायता और अन्य जागरूक लोगो ने उसे इलाज के लिए टॉल्फा हॉस्पिटल भिजवाया जहां उसका इलाज जारी है । बड़ा सवाल यह है कि आखिर पुष्कर जैसे तीर्थ में ऐसी शर्मनाक हरकत करने की हिम्मत किसने जुटाई । वो जो कोई भी हो उसका पता लगाया जाना चाहिए साथ ही ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए ।

*आखिर पुष्कर तीर्थ में विचरण करने वाली गाय और सांड से होने वाली परेशानी का कैसे हो स्थायी समाधान •••*
अनुमान के मुताबिक इस समय पुष्कर में लगभग एक हजार से ज्यादा गाये है जिनमे छः सौ के करीब सांड है । इतनी भारी तादात में घूमती गायो और सांडो की वजह से हाल इतने खराब है कि ना तो स्थानीय नागरिक सुरक्षित है और ना ही देशभर से आने वाले श्रद्धालु तीर्थ यात्री । शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा जब बीच बाजार गाय और सांडो की लड़ाई ना होती हो और उस लड़ाई से कोई ना कोई घायल ना होता हो । अभी कल ही ब्रम्ह चौक पर जमकर उत्पात मचाया गया जिसमें कुछ लोग घायल होते होते बचे । स्थानीय राम सखा आश्रम से लेकर बस स्टैंड , गुरुद्वारा , महादेव चौक , सूर्य धर्मशाला , वराहघाट , सदर बाजार , गऊ घाट , कपड़ा बाजार , ब्रम्ह चौक , खाक चौक , ब्रम्हा मंदिर सहित पुष्कर के लगभग हर गली , मोहल्ले और चौराहे पर गायो का जमघट लगा रहता है । दिन रात चौबीसो घंटे हर एक व्यक्ति को केवल यही चिंता बनी रहती है कैसे इन गाय सांड से बचकर निकला जाए । बड़ा सवाल यही है कि आखिर इतनी बड़ी तादात में विचरण करने वाले गौ वंश की समस्या का स्थायी समाधान कैसे किया जाये जिससे नागरिको की सुरक्षा भी हो और गायो का जीवन भी सुरक्षित रखा जा सके ।

मेरा मानना है कि इस समस्या का स्थायी समाधान ना तो अकेले प्रशासनिक अधिकारी और पालिका ई ओ अभिषेक गहलोत कर सकते है और ना ही आम नागरिक । इसके लिए जरूरत है सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करके प्लानिंग के तहत गौचर या सरकारी भूमि पर एक विस्तृत और विशाल गौ शाला और नंदी शाला बनवाने की , जिसमे अलग अलग रहने वाली गायो और सांडो का समुचित भरण पोषण हो सके । जिसमे समय समय पर दानदाता एवं गौरक्षक भी आसानी से उनकी देखभाल करने जा सके । जितने पैसे पालिका प्रशासन इन्हें पकड़कर अन्यत्र छुड़वाने में खर्च करती है यदि सरकारी गौशाला में उतने पैसे इनकी देखभाल पर ही खर्च कर दिए जाएं तो भी बहुत बड़ी राहत मिल सकती है ।

*इस समस्या के समाधान की अन्य संभावनाओ सहित गायो को पकडने की आड़ में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा भी करेंगे हमारे अगले अंक में •••*

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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