कराची में प्राचीन मंदिर तोड़े जाने की निंदा

अजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज ओर दरगाह के सज्जादनशीन एवं मुस्लिम धर्म प्रमुख दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खानं ने पाकिस्तान के कराची में रवीवार को एक प्राचीन मंदिर को तोड़े जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुऐ इस कृत्य को इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। पाक अल्पसंख्यकों से जुड़े ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर उन्होने भारत सरकार से अधिकारिक ऐतराज दर्ज करवाने की मांग की। धर्म प्रमुख की हैसियत से उन्होने पाक हुक्मरानों को हिदायत दी कि पाक में अल्पसंख्यकों और उनके धर्म स्थलों की सुरक्षा के कारगर कदम उठाऐ जाऐं। उन्होंने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि पाकिस्तान में एक प्राचीन मंदिर गिरा दिया जाता है जबकि पाकिस्तानी हाई कोर्ट में इस संबंध में सुनवाई हो रही है।
सोमवार को दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने जारी ब्यान में पवित्र कुरआन के हवाले से बताया कि कुरआन सभी को हिदायत देता है कि किसी मजहब के मजहबी मुकामात को नुकसान पहुंचाना इस्लाम के खिलाफ है और पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.व.) का फरमान है कि किसी मजहब के धर्म स्थल की एक इंट भी हटाना अल्लाह के नजदीक गुनाह है। उन्होने कहा कि इस्लाम धर्म की ऐसी सख्त हिदायात के बावजूद पाक जैसे इस्लामिक गणराज्य में प्राचीन मंदिर का तोड़ा जाना आश्चर्यजनक एवं निंदनीय है पाक सरकार को पूरे मामले की जांच करवा कर दोषीयों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिये।उन्होने कहा कि पाक को ऐसे कारनामों से बाज आना चाहिये जिससे दूसरे मुल्कों में धार्मिक वेमनस्य फैलने की आशंका रहती हों। पाकिस्तान के इस धर्म विरोधी कृत से विश्वभर में मुसलमानों की बदनामी हुई है ओर उनकी धर्म निरपेक्ष छवी को घहरा आघात पहुंचा है
दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि पाक में अल्पसख्ंयक असुरक्षित है जिसका खुलासा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर कई मानव अधिकार संगठन अपनी रिर्पोटों में कर चुके है रिर्पोटों में यहा तक कहा गया है कि पाक अल्पसंख्यको की संस्कृति व धार्मिक परंपराऐं अब खतरे में है इस लिऐ पाक सरकार को अपने देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करनी चाहिये जैसा भारत के अल्पसंख्यकों को धार्मिक आजादी है। उन्होने कहा कि भारत सरकार ने 1947 से पुर्व के सभी धर्म स्थलों की सुरक्षा एवं यथा स्थित के लिऐ दी प्लेसेस आॅफ वरशिप एक्ट 1992 जैसा प्रभावी कानून बना रखा है पाक सरकार को भी मजहबी मुकामात की हिफाजत के लिऐ इसी तरह का कानून बना कर पाक के धर्म स्थलों की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने चाहिये।

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