पायलट भी नहीं सहमत सरकार के फैसले से – देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 18 अक्टूबर। विधायक अजमेर उत्तर एवं पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लोकतंत्र की धज्जियां उडाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्रीमण्डल व विधायक दल से बिना चर्चा किये सरकार ने मेयर, सभापति और पालिकाध्यक्ष के लिए पार्षद का चुनाव लड़ना या जीतना आवश्यक नहीं होने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जिससे सरकार के मंत्री ही नहीं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी सहमत नहीं है।
देवनानी ने आज जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के इस तानाशाही रवैये से उनकी सरकार के मंत्री ही सहमत नहीं है। उप मुख्यमंत्री पायलट ने तो सरकार के इस कदम पर खुला प्रहार करते हुए इसे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला फैसला बताया है। देवनानी ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री लोकतंत्र की बड़ी-बड़ी बातें करते है दूसरी ओर निर्वाचित पार्षदों के हक को छीनकर लोकतंत्र का खुला मखौल उडा रहे है।
देवनानी ने सरकार के इस फैसले को बदनियति की भावना से उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि संभावित हार के डर से लागू किये गये इस फैसले से भी कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होने वाला है। जनता इनके 10 माह के शासन को देखकर सब समझ चुकी है तथा निकाय चुनावों में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलने वाली है।
एक और तानाशाही आदेश- 03 निगमों में बनेगी 2-2 निगमें, चुनाव स्थगित
देवनानी ने सरकार द्वारा जयपुर, जोधपुर व कोटा नगर निगम के चुनाव 6 माह स्थगित किये जाने के आदेश को निकाय चुनाव के सम्बंध में एक ओर तानाशाही आदेश करार देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार हार के डर से निकाय चुनावों के नियमों में रोज-रोज मनमर्जी के फेरबदल कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को इन तीनों निगमों में वार्ड बढ़ाने थे तो पहले किये गये परिसीमन के समय ही प्रस्तावित करने चाहिए थे। अब एन मौके पर चुनाव स्थगित कर वार्डो का परिसीमन नये सिरे से करना व 2-2 निगमों का गठन करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरूद्ध है।

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