महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में नवां दीक्षान्त समारोह

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में आज दिनंाक 03 दिसम्बर को नवां दीक्षान्त समारोह को आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति द्वारा 33 स्वर्ण पदक, एक कुलाधिपति पदक कॉजल उपाध्याय को तथा 18 शोधार्थियो को पी.एच.डी कि उपाधि प्रदान कि गई।
समारोह के अध्यक्ष महामहिम कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहॉ कि यह विश्वविद्यालय ऐसी पुण्य भूमि पर है जहॉ दयानंद सरस्वती का निर्वाण हुआ। उन्होन कहॉ ’’ऋते ज्ञानान्न न मोक्षः ’’अर्थात् ज्ञान के बिना मुक्ति नही मिलती है। हमें अज्ञानता से अंधकार से, भय से, भ्रम से नैराश्य एवं अवसाद से समाज को मुक्ति दिलानी है इसी ज्ञान के आलोक में वैदिक ऋषियों का नांद गूंजता है। कुलाधिपति ने कहॉ कि दीक्षित होने वाले सभी विद्यार्थियो से मेरी यही अपेक्षा है कि वे अर्जित शिक्षा और ज्ञान के बल का सदुपयोग स्वंय के, समाज के, राष्ट्र के और सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए करें। शिक्षा का लक्ष्य सिर्फ उपाधि पाकर उपार्जन ही नहीं हैं, बल्कि इसका सही उद्देश्य व्यक्ति का सर्वागीण विकास, अनुशासन, स्वावलंबन, चरित्र निर्माण समाज और मनुष्यता के प्रति सेवा और समर्पण का भाव है। उन्होने कहॉ कि किताबी ज्ञान पर्याप्त नहीं है, जरूरत है अर्जित ज्ञान और कौशल से वैयक्तिक, समाजिक राष्ट्रीय एंव वैश्विक विकास का संवाहक होना। उन्होने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कि हमारे विश्वविद्यालयों मंे इन दिनो पाश्चात्य एवं अंग्रजो के तौर तरीको को बदलकर दीक्षांत समारोह को भारतीय परिवेश और परिधान की साज-सज्जा से जोडा गया है। इस दीक्षात परम्परा को भारतीय जीवन मूल्यो से भी जोडने की महती आवश्यकता है ये जीवन मूल्य है, छात्र-छात्राओ के सर्वागीण विकास का संकल्प, सेवा समर्पण का भाव वैयक्तिक- परिवारिक हित साधन के साथ पूरे देश और विश्व कल्याण की भावना और कर्म साधना है। उन्होेने यह भी कहॉ कि देश में युवाओ कि संख्या सर्वाधिक है। भारत इसी युवा शक्ति, युवा सपनो, युवा संकल्पों, नव ऊर्जा के साथ विकास और चहुमंुखी प्रगति के पथ पर अनवरत आगे बढ रहा है। देश का वर्तमान और भविष्य इसी युवा पीढी पर निर्भर है। आप संकल्पबद्ध होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकतें है। आज भारतीय युवाओ के ज्ञान और कौशल का पूरे विश्व में वर्चस्व है। उन्होने आशा प्रकट की की यहॉ से निकलकर भारत के युवा प्रतिभाऐ देश विदेश में राष्ट्र के प्रचार प्रसार में अपना योगदान देगीं।
राज्यपाल ने पदक वितरण से पूर्व सभी को संविधान में आस्था रखने व इसे अक्षुण रखने के साथ-साथ अपने मूल कर्तव्यो की भी शपथ दिलाई।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जल पुरुष व मैग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने दीक्षान्त भाषण देते हुए कहॉ कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने जिस तरह प्रकृति को जोडने और संजोने का कार्य किया उन सभी कार्याे से हमें सिखना चाहिए, और उन्होने पूजा पाठ का खण्डन किया और दयानंद इस पृथ्वी को मानवता से सृजित करने वाले एकमात्र व्यक्ति थे। श्री सिंह ने यह भी कहॉ कि जल हीे हमारा जीवन हैं इसके बिना हम बच नही सकते। भारत दुनिया का विश्व गुरू रहा है। उन्होने कहॉ कि भारत की इंजीनियरिंग तथा तकनीकि ने प्रकृति का शोषण सिखाया है ओर दुनिया से सीखकर उसका दोहन किया। उन्होने सनातन शब्द को परिभाषित करते हुए कहॉ कि नित्य नये नूतन का निर्माण करना ही सनातन है। उन्होने कहॉ कि व्यक्ति को तीसरी शिक्षा समाजिक ज्ञान के साथ साथ प्रकृति का संरक्षण करना होना चाहिए जो हमें विकास की और ले जाये।
दीक्षान्त समारोह के अतिविशिष्ठ अतिथि राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा मंत्री भॅवर सिंह भाटी ने सभी विद्यार्थियो को बधाई देते हुए कहॉ कि आज इस गरिमामय अवसर पर कहॉ कि भारत प्रचीन काल से ही शिक्षा के क्षेत्र में सबका गुरू रहा है, नालंदा तक्षशीला जैसे विश्वविद्यालय में विदेशो से लोग पढने आते है, उन्होने कहॉ कि शिक्षा सिर्फ ज्ञानार्जन और उपाधि पाने के लिये नही होती है, शिक्षा तो प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान करती है और यह एक ऐसी पूॅजी है जो ना कभी भी चोरी और न ही खत्म नहीं हो सकती बल्कि बॉटने से बढती है।
भाटी ने विद्यार्थियो का आव्हान किया की इस उपाधि व अर्जित ज्ञान से राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आगे बढे और इच्छा शक्ति से अपने सपनो को साकार करने में लग जाये। उन्होने कहॉ कि शिक्षक विद्यार्थी का निर्माता होता है। यह भी कॅहा कि हमारी सरकार ने 50 महाविद्यालय खोले है तथा विधी महाविद्यालय को पुनः नये सिरे से चालू किया गया। पदक ग्रहण करने वालो में 75 प्रतिशत छात्राओ कि संख्या पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहॉ कि हमारी सरकार छात्राओ को आगे बढने हेतु पूरे संसाधन उपलब्ध कराने के कोशिश कर रही है। उन्होने कहॉ कि हमें अपने जीवन में एक स्वस्थ प्रतिर्स्पधा करनी चाहिए और आपका लक्ष्य निर्धारित करेगा कि आपका जीवन किस दिशा मंे जायेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आर.पी. सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
समारोह से पूर्व शोभा यात्रा का में सबसे आगे कुलसचिव संजय माथुर उनके पीछे प्रबंध बोर्ड के सदस्य, विद्या परिषद के सदस्य व अन्त में कुलाधिपति व कुलपति प्रो0 आर.पी. सिंह रहे।
समारोह मे अजमेर उŸार के विधायक श्री वासुदेव देवनानी व अजमेर दक्षिण की विधायिका श्रीमति अनिता भदेल, पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत, कॉग्रेस के शहर अध्यक्ष श्री विजय जैन, कॉग्रेस के नेता महेन्द्र सिंह रलावता सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन प्रो0 रितु माथुर ने किया।

डॉ0 राजू शर्मा
मीडिया प्रभारी

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