निजी शिक्षण संस्थान संचालकों ने घेरा शिक्षा बोर्ड को

अजमेर। प्रदेश भर के निजी शिक्षण संस्थान संचालकों ने बुधवार को अजमेर पहुंच कर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के बाहर डेरा डाल दिया। निजी स्कूल संचालकों की मांग है कि बोर्ड मान्यता सम्बन्धी नियमों में शिथिलता बरते। साथ ही बोर्ड द्वारा कई मामलों में लगाई जा रही पेनल्टी को समाप्त किया जाए। प्रदर्शनकारी स्कूल संचालक बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग के बोर्ड में नहीं मिलने से खासे नाराज दिखे।
ज्ञातव्य है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े निजी स्कूल लम्बे समय से मांग करते आ रहे हैं कि उन्हें मान्यता सम्बन्धी नियमों में शिथिलता प्रदान की जाए क्योंकि मान्यता सम्बन्धी नियम व्यावहारिक नहीं है। इस मांग को लेकर पिछले दिनों भी बोर्ड अध्यक्ष गर्ग और स्कूल संचालकों के बीच हुई वार्ता भी बेनतीजा रही। बुधवार को स्कूल संचालकों ने बोर्ड कार्यालय के घेराव की घोषणा की थी। इस आन्दोलन को सफल बनाने के लिए प्रदेश भर से लगभग पांच हजार स्कूल संचालक अजमेर में जमा हुए और बोर्ड का घेराव कर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन की वजह से शहर की कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसलिए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन यह बल धरने की वजह से जाम हुए जयपुर रोड और बदहाल हुई यातायात व्यवस्था को दुरुस्त कराने में नाकाम रहे। वहीं प्रदर्शनकारियों के आक्रामक तेवरों के चलते मौके पर हालात तनाव पूर्ण बने रहे।
बोर्ड अध्यक्ष सुभाष गर्ग की गैर मौजूदगी में बोर्ड के सचिव मिरजूराम शर्मा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहम्मद हनीफ, एसपी राजेश मीणा, निजी स्कूल संचालक संघ के संरक्षक शक्ति सिंह गौड़ और स्कूल संचालकों के प्रतिनिधि मंडल के बीच हुई सौहार्दपूर्ण वार्ता के दौरान सभी 11 सूत्रीय मांगों पर सहमति बन गई। मिरजूराम ने बताया कि मान्यता संबंधी शुल्क निर्धारण के लिए बोर्ड एक समिति का गठन कर रहा है, जो मांग पत्र के सभी बिन्दुओं पर आपसी विचार-विमर्श कर निर्णय लेगी।
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