अजमेर। निकटवर्ती गांव हाथीखेड़ा ग्राम पंचायत भवन में बुधवार को ग्रामीणों ने सरपंच और उप सरपंच सहित दो पटवारी और ग्राम सेवक को चार घंटे तक बंधक बनाए रखा। ग्रामीणों का आरोप था कि प्रशासन जिले भर में आबादी भूमि का नियमन कर रहा है, लेकिन हाथीखेड़ा में नियमन कर पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं। लगभग चार घंटे बाद पहुंचे तहसीलदार द्वारा दिये गये आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने बंधकों को रिहा किया। हाथीखेड़ा गांव को अजमेर नगर सुधार न्यास की सीमा में शामिल किया गया है। अब जब प्रशासन ने आबादी भूमि पर पट्टे देना शुरू किये हैं, तो यहां के ग्रामीणों ने भी पट्टों की मांग की। ग्रामीणों की माने तो यूआईटी उन्हें पट्टे नहीं दे रही है। इसी के चलते आज जब ग्राम पंचायत में मीटिंग करने सरपंच रतन सिंह, उप सरपंच नानू सिंह और पटवारी भानु प्रताप, अमित खिंची और ग्रामसेवक चन्द्र नारायण पहुंचे तो ग्रामीणों ने इन्हें पंचायत भवन में ही ताला लगाकर बंधक बना लिया। ग्रामीणों की माने तो उन्होंने इस बात की सूचना आला प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी लेकिन कोई वार्ता के लिए नहीं आया।
तालाबंदी की इस घटना के लगभग दो घंटे बाद गंज पुलिस थाने से एक एएसआई और दो सिपाही मौके पर पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक न सुनी। खास बात यह रही की जनसेवक सहित पटवारी और ग्रामसेवक बंधक बना लिए गए, लेकिन प्रशासन का कोई भी आला अधिकारी बंधकों की सुध लेने नहीं पहुंचा।
ग्रामीणों के विरोध के चलते पुलिस भी असहाय नजर आई। पुलिस की और से भी प्रशासन को ग्राम पंचायत के हालातों और बंधकों की स्थति से अवगत करवा दिया गया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
शाम लगभग चार बजे तहसीलदार मनमोहन सिंह ग्राम पंचायत भवन पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। तहसीलदार के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने पंचायत भवन के ताले खोल कर बंधकों को आजाद किया। ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया है कि सर्वे की कार्यवाही पूरी कर सरकार से राहत दिलवाने का प्रयास किया जाएगा।