बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन चुनौतीपूर्ण कार्य

मेघना चौधरी
अजमेर 17 फरवरी। राजस्थान माध्यमिक षिक्षा बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन चुनाव की भांति शिक्षा अधिकारियों और बोर्ड के लिये एक संवेदनशील चुनौतीपूर्ण कार्य है। शिक्षक, शिक्षा अधिकारियों और बोर्ड कार्मिकों का समाज की कसौटी पर खरा उतरने का एक पैमाना बोर्ड परीक्षाओं का सफल आयोजन भी है। वैसे तो स्कूली शिक्षा के दौरान विद्यार्थी का कदम-कदम पर मूल्यांकन होता है, परन्तु आम धारणा है कि बोर्ड परीक्षाओं में यह मूल्यांकन पारदर्शी, निष्पक्ष और गुणवतायुक्त होता है। शिक्षकों का महती दायित्व है कि वे बोर्ड परीक्षाओं को स्कूली विद्यार्थी की पहली सार्वजनिक परीक्षा होने के नाते उसे अनुचित साधनों से विहिन और निर्विध्न रूप से सम्पन्न करावे।
श्रीमती चौधरी राजस्थान बोर्ड की वर्ष 2020 की परीक्षाओं के सफल संचालन के संबंध में सोमवार को बोर्ड स्थित राजीव गांधी सभागार में आयोजित प्रदेश के शिक्षा संयुक्त निदेशकों व जिला शिक्षा अधिकारियों (माध्यमिक -मुख्यालय) की बैठक को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं से राज्य के एक करोड लोगों की भावनाऐ जुड़ी है और बोर्ड परीक्षा के आयोजन से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख व्यक्ति जुडे है। यह परीक्षा विद्यार्थियों की ही नहीं अपितु बोर्ड और शिक्षा विभाग की भी है। परीक्षा आयोजन की कडी़ में छोटी सी कमी से पूरे परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि परीक्षा केन्द्र पर इन्टरनेट और मोबाइल के प्रयोग को पूर्णतः प्रतिबन्धित करने की कार्यवाही करे। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की निष्पक्षता और पादर्शिता की दृष्टि से परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा कक्ष में निजी और राजकीय विद्यालयों के परीक्षार्थियों को आनुपातिक रूप से परीक्षा देने की व्यवस्था की जाये। जिन निजी विद्यालयों में बोर्ड परीक्षाओ के वीक्षण के लिये राजकीय विद्यालयों से अध्यापक लगाये जाने है ऐसे शिक्षक अधिकतम 15 कि.मी. की दूरी के दायरे में आने वाले विद्यालयों से लगाये जाये। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं से जुडे व्यय के बिल अधिकतम एक माह में बोर्ड को प्रेषित कर दिये जाये ताकि बोर्ड स्तर पर त्वरित भुगतान की कार्यवाही की जा सके। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के लिए निर्देशित करे क्योंकि इस मूल्यांकन से विद्यार्थी का भावी भविष्य जुडा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए गठित किये जाने वाले उडनदस्तों में निर्भीक और निष्पक्ष शिक्षकों को लगाया जाये। उन्होंने कहा कि जिले में बोर्ड प्रश्न पत्र पहुंचने के बाद उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला परीक्षा संचालन समिति की होगी।
विशेषाधिकारी-परीक्षा अरविन्द सेंगवा ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के निर्बाध संचालन से बोर्ड राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की समाज में साख बनी रहे, इसका दायित्व शिक्षा अधिकरियों का भी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी परीक्षाओं के सफल संचालन के लिये जिला प्रशासन से निरन्तर सम्पर्क में रहे और तालमेल बनाकर चले। वे अपने क्षेत्रों की परीक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण करें और विशेष रूप से प्रश्न पत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रीत करें। परीक्षाओं में अनुचित साधना के प्रयोग से संबंध में लागू राजस्थान सार्वजनिक अधिनियत का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को अवगत कराये।
बोर्ड के निदेशक गोपनीय जी.के. माथुर ने कहा कि इन परीक्षाओं के लिए आगामी 02 मार्च से बोर्ड कार्यालय और राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (माध्यमिक) के कार्यलय में परीक्षा कन्ट्रोल रूम कार्य करने प्रारम्भ कर देगे, जो परीक्षा समाप्ति तक अनवरत कार्यरत रहेंगे। उन्होनंे कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त परीक्षा समिति ने सभी राजकीय सेवारत व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षाओं के लिये उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन करना आवश्यक कर दिया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के द्वारा राज्य के सभी परीक्षा केन्द्रों पर उत्तरपुस्तिकाओं की व्यवस्था की जा चुकी है। परीक्षा केन्द्रों की सुरक्षा के लिए साढे चार हजार से भी अधिक पुलिसकर्मी और होमगार्ड्स तैनात रहेंगे। सभी उत्तरपुस्तिका संग्रहण केन्द्र और संवेदनशील और अति संवेदनशील केन्द्र सी.सी.टी.वी. कैमरे की जद में रहेंगे।
बोर्ड के परीक्षा (उपनिदेशक)-शिवशंकर अग्रवाल ने कहा कि बोर्ड का ध्येय है कि स्कूली विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र जाने के लिये कम से कम दूरी तय करनी पडे। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण का कार्य संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी की अनुशंषा पर होता है, परन्तु कई प्रकरणों में जिला शिक्षा अधिकारी बिना भौगोलिक जानकारी के परीक्षा केन्द्र बनाने की अनुशंषा कर देते है, जिसका खामियाजा बोर्ड परीक्षार्थी और अभिभावक को भुगतना पडता है। उन्होंने जोर देकर शिक्षा अधिकारियों से कहा कि आगामी परीक्षाओं के लिये परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण हेतु क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ही अपनी अनुशंषाऐं बोर्ड को भेजे।
बैठक में वित्तीय सलाहकार- आनन्द आशुतोष, उपनिदेशक (गोपनीय) कमल गर्ग, उपनिदेशक (जनसम्पर्क) राजेन्द्र गुप्ता, सहायक निदेशक (लेखा) गणेश चौधरी तथा सहायक निदेशक (परीक्षा) राजेन्द्र कुमार सक्सैना भी उपस्थित थे।

उप निदेषक (जनसम्पर्क)

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