जेएलएन में गरीब मरीजों की एंजियोग्राफी अटकने का मामला पहंुचा विधानसभा

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के हृदय रोग विभाग में गरीब मरीजों की एंजियोग्राफी जांच के अटकने का मामला विधानसभा में उठाया। देवनानी ने विधान सभा में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से यह मामला उठाते हुए कहा कि अस्पताल में पिछले दस दिनांे से बीपीएल एवं भामाषाह स्वास्थ्य बीमा योजना के गरीब मरीजों की एंजियोग्राफी एवं एंजियोप्लास्टी नहीं हो पा रही है। इस जांच के लिए आवश्यक सामग्री व संसाधन चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं होने से हृदय रोग के गंभीर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
देवनानी ने कहा कि इस अस्पताल में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। ऐसे हालात हर दो तीन माह के अंतराल में होते ही रहते हैंे जब आवष्यक संसाधनों के अभाव में गरीब मरीजों को एंजियोग्राफी के लिए काफी इंतजार करना ही पडता है। सक्षम मरीज तो अपना इलाज कराकर चलते बनते हैं जबकि गरीब मरीजों को समस्या से दो चार होना पडता है।
देवनानी ने कहा कि जेएलएन चिकित्सालय में एंजियोग्राफी जांच के लिए आवश्यक सामग्री जैसे- रेडियल किट, मेनीफोल्ड, टाइगर आदि की बार-बार अनुपलब्धता होने का मुख्य कारण है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा इन सामानों की आपूर्ति करने वाली फर्मों का भुगतान समय पर नहीं किया जाना है। उन्होंने सरकार से मांग की कि अस्पताल में गरीब मरीजों के ईलाज में बार-बार उत्पन्न होने वाली बाधा के लिए जिम्मैदार कारणों की जांच करानी चाहिए साथ ही अस्पताल प्रशासन को सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्मो का भुगतान समय पर करने के लिए पाबंद करना चाहिए। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि अस्पताल में भामाशाह योजना के तहत प्रतिमाह होने वाली एंजियोग्राफी की औसतन संख्या के आधार पर आवश्यक सामग्री का अग्रिम स्टाॅक रखे जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करावे ताकि किसी गरीब मरीज को ईलाज में देरी के कारण अपनी जान ना गंवानी पड़े।
देवनानी ने कहा कि जेएलएन अस्पताल में अजमेर, नागौर, भीलवाडा, टोंक सहित प्रदेष के विभिन्न जिलों से प्रतिदिन दो से तीन हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं जिनमें औसतन दस से पन्द्रह हृदय रोगियों की एंजियोग्राफी एवं एंजियोप्लास्टी करने की आवष्यकता होती है। बीपीएल एवं भामाषाह स्वास्थ्य बीमा योजना में इलाज लेने वाले गरीब हृदय रोगियों की एंजियोग्राफी समय पर नहीं हो पाने से जिस गरीब मरीज के स्टण्ट लगाकर एंजियाप्लास्टी करने की जरूरत होती है वो भी नहीं हो पाती है।

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