‘अंडरस्टैंडिंग द पेटेंट फाइलिंग प्रोसेस‘ थीम पर विशेषज्ञों की कार्यशाला का आयोजन

जयपुर, 28 फरवरी 2020:
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) को उद्योग की आवश्यकताओं के आधार पर अपने पाठ्यक्रम को अपनाने और संशोधित करते हुए युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए पहचाना जाता है। बीएसडीयू ने हाल ही ‘अंडरस्टैंडिंग द पेटेंट फाइलिंग प्रोसेस‘ थीम पर विशेषज्ञों की एक कार्यशाला का आयोजन किया। यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के संकाय सदस्यों, प्रशिक्षक और रिसर्च स्कालर्स के बीच पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रिया की समझ और अधिक जागरूकता विकसित करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। एनआरडीसी, नई दिल्ली के पूर्व प्रमुख श्री गोविंद शर्मा इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए, जबकि बीएसडीयू के कुलपति डॉ अचिन्त्य चैधरी, स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स, बीएसडीयू के प्रिंसिपल डॉ रवि गोयल और बीएसडीयू के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

पेटेंट के साथ पंजीकृत होने वाले व्यक्ति/कंपनी/फर्म को प्रदान किए जा रहे कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था।

एनआरडीसी, नई दिल्ली के पूर्व प्रमुख श्री गोविंद शर्मा ने इस अवसर पर कहा, ‘‘किसी के आविष्कार के व्यावसायीकरण से पहले पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता है।‘‘ उन्होंने बाजार की समस्याओं की भी चर्चा की और अपने प्रोजेक्ट से संबंधित मुद्दों के लिए आसान प्रक्रिया अपनाने के बारे में भी सलाह दी।

बीएसडीयू के कुलपति डॉ अचिन्त्य चैधरी ने कहा, ‘‘भारत के एक बड़े एकाधिकारवादी बाजार होने के नाते अपने व्यक्तिगत स्तर पर हर व्यक्ति को दिए जाने वाले अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। पेटेंट एक व्यक्ति के आविष्कार की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है उन्होंने आगे कहा, ‘‘विश्वविद्यालय में अनुसंधान और विकास गतिविधियों का मूल्य प्रत्येक नवाचार और पेटेंट के साथ बढ़ता है। इस लिहाज से सभी प्रतिभागियों को इस कार्यशाला का पूरा उपयोग करना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय के लिए इस तरह की कार्यशाला के आयोजन में स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स की पहल की भी सराहना की।

स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स, बीएसडीयू के प्रिंसिपल और डायरेक्टर एडमिशंस डॉ रवि गोयल ने कहा, ‘‘पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया पर कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को तकनीकी रूप से लागू नीतियों, आविष्कारों और जनता को अधिकार प्रदान करने वाले तकनीकी-कानूनी दस्तावेज के बारे में जानकारी देना है।‘‘

उन्होंने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और कहा कि बीएसडीयू निकट भविष्य में इसी तरह के आयोजन करेगा ताकि परिसर में उद्यमशीलता और नवाचार के ईकोसिस्टम को विकसित करने में मदद मिल सके।

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी में पहले से ही स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल कार्यरत है, जो छात्रों के लिए उद्यमियों की दुनिया के प्रवेश द्वार का काम करता है। यह अंतरराष्ट्रीय सेटिंग में एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण के साथ उद्यमिता कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के नेतृत्व वाले गुणवत्ता ज्ञान, तकनीकी कौशल और हैंड्स-ऑन-ट्रेनिंग प्रदान करने के मिशन के साथ काम करता है। स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल अपने छात्रों को उद्योग की नवीनतम घटनाओं के बारे में अपडेट रहने में मदद करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं, सेमिनारों, कार्यक्रमों, अंतरराष्ट्रीय इंटर्नशिप का समय-समय पर आयोजन करता है।

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के बारे मेंः
2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2020 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ’राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’ का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है।

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