स्काउट का राज्य पुरस्कार शिविर आयोजित

अजमेर, 28 फरवरी। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड मण्डल मुख्यालय अजमेर के तत्वावधान में राज्य पुरस्कार स्काउट/गाइड, ग्रामीण रोवर/रेंजर प्रशिक्षण शिविर पुष्कर घाटी में 24 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित हुआ।
शिविर संचालक बाबुद्दीन काठात ने बताया की जिले के चयनित स्काउट/गाइड रोवर/रेंजर को राज्य पुरस्कार से संबंधित विभिन्न बैजो का प्रशिक्षण देकर उन्हे राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। शिविर मे ब्यावर, किशनगढ़ एवं अजमेर के स्काउट/गाइड रोवर/रेंजर भाग लिया।
सी.ओ.(स्काउट) मनमोहन स्वर्णकार ने बताया की शिविर मे स्काउट/गाइड रोवर/रेंजर को प्राथमिक सहायता, पायनियरिंग, मेपिंग, अनुमान, विपरित परिस्थितियों मे सेवा आदि विषयो पर गहनता से प्रशिक्षण दिया गया। शिविर मे 90 बालक/बालिकाओं को दक्ष प्रशिक्षको द्वारा प्रशिक्षण दिया जाकर इनका राज्य स्तर पर पंजीकरण किया गया।
शिविर की सफलता हेतु डिविजनल चीफ कमिश्नर महेन्द्र विक्रम सिंह एंव सहायक राज्य संगठन आयुक्त (स्काउट) ने अपने संदेश मे शिविरार्थीयो के लिए उज्जवल भविष्य की कामना की।

राजस्व अधिकारियों की बैठक शनिवार को
अजमेर, 28 फरवरी। जिला कलक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा की अध्यक्षता में राजस्व अधिकारियों की बैठक शनिवार 29 फरवरी को प्रातः 10.30 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित होगी। यह जानकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री कैलाश चंद शर्मा ने दी।

रेबीज टीकाकरण शिविर 4 मार्च को
अजमेर, 28 फरवरी। माखुपुरा के सामुदायिक भवन में संचालित चिकित्सालय में बुधवार 4 मार्च को निःशुल्क रेबीज टीकाकरण शिविर का आयोजन किया जाएगा।
वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर सैनी ने बताया कि प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय, आदर्शनगर एवं रेबीज कंट्रोल यूनिट, अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में रेबीज टीकाकरण शिविर आयोजित किया जाएगा। यह शिविर डॉ. मिनेश जैन, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी रेबीज कंट्रोल यूनिट, बहुउद्ेशीय पशु चिकित्सालय अजमेर के परिवेक्षण में प्रातः 9 से सायं 3 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस शिविर का अधिक से अधिक श्वान मलिक अपने श्वान का टीकाकरण करवा कर शिविर का लाभ उठा सकते है। जिन श्वानों का पूर्व में टीकाकरण कार्ड बना हुआ है वह साथ लेकर आएं। किसी श्वान का कार्ड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में शिविर में ही उनका नया कार्ड टीकाकरण के साथ ही बनाकर दिया जाएगा। रेबीज टीकाकरण हेतु श्वान को किसी भी प्रकार के परहेज की आवश्यकता नहीं होती है। बीमार श्वान का टीकाकारण नहीं किया जा सकता है।

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