कोरोना के खिलाफ जंग में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण- देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 30 अप्रैल। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण व सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार चिकित्साकर्मी, पुलिसकर्मी, स्वच्छताकर्मी कोरोना की महामारी से आमजन को बचाने के लिए जुटे हुए है उसी प्रकार शिक्षकवर्ग भी मुस्तैदी के साथ कोरोना फाईटर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है। वर्तमान में लगभग एक तिहाई शिक्षक कोरोना फाईटर के रूप में घर-घर सर्वे, राशन बांटने, क्वांरटीन सेंटर व होम क्वारंटीन किये गये संदिग्ध लोगों की निगरानी में ड्यूटी दे रहे है जबकि उन्हें सरकार ने कोई विशेष सुविधा व मास्क, सेनेटाईजर आदि संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराये है वे तो बिना हथियारों के ही सैनिक की भूमिका निभा रहे हैै।
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने गुरूवार को फेसबुक लाईव के माध्यम से शिक्षकवर्ग को सम्बोधित किया। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वर्षो से उनसे सम्बंध रहने से वे अपने आपकों शिक्षक परिवार का सदस्य मानते है तथा इसी नाते उनसे चर्चा की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक सृष्टि का सृजनहार है, भविष्य का निर्माता है। शिक्षक को समाज में सम्मान का स्थान प्राप्त है। गांव हो या शहर, आज भी सब जगह उनकी बातों को ध्यान से सुना भी जाता है और महत्व भी दिया जाता है। विद्यार्थी के मन पर कई बार माता-पिता से भी ज्यादा शिक्षक की बात का प्रभाव पड़ता है तथा वो उसे अपने जीवन में अपनाता भी है।
देवनानी ने कहा कि विश्वव्यापी महामारी के कारण मानव जाति के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। अमेरिका जैसे साधनसम्पन्न राष्ट्र भी लड़खड़ा रहे है। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली है तथा हमारी भारत भूमि पवित्र है व देश के पास मोदीजी जैसा नेतृत्व है जिसके कारण हमारे यहां स्थिति नियन्त्रण में तो है परन्तु ऐसे समय में शिक्षकों का दायित्व भी बढ़ जाता है।
आज शिक्षकों पर गांव हो चाहे शहर वहां के समाज में हताश व निराश लोगों की काउन्सलिंग कर उनमें आशा व ऊर्जा का संचार करने की जिम्मैदारी आ गई है। लोगों को अफवाहों व भ्रान्तियों से सावधान करते हुए सामाजिक जागरूकता के साथ ही रचनात्मक व सृजनात्मक गतिविधियां प्रारम्भ कराये जाने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को योग, व्यायाम के लिए प्रेरित करते हुए सफाई व हाथ धोने की आदत विकसित कराये जाने की आवश्यकता है। देवनानी ने शिक्षकों से कहा कि वे स्वंय पुस्तकें पढ़े व बच्चों को पढ़ने की प्रेरणा दे। अध्ययन-अध्यापन की नई तकनीक को समझे व सीखे तथा उसका अभ्यास करे ताकि विद्यार्थियों को आॅन लाईन एज्यूकेशन प्रदान की जा सके यद्यपि समस्त शिक्षक व विद्यार्थी अभी इसके लिए दक्ष नहीं हुए है।
देवनानी ने कहा कि शिक्षकों को भविष्य की तैयारी भी रखनी होगी। वर्तमान सत्र में विलम्ब तो होगा ही साथ ही नया सत्र भी विलम्ब से शुरू होगा। बारहवी के विद्यार्थियों की कई परिक्षाएं लटकी हुई है। आगामी सत्र के लिए पुस्तकों व पाठयक्रमों का अभी तक अता-पता नहीं है। बोर्ड परिक्षा परिणामों के बारे में अभी तक कोई दिशा निर्देश नहीं है तो अगली कक्षा में प्रमोट किये जाने से शेष कक्षाओं के विद्यार्थियों के बारे में निर्णय होना है।
उन्होंने कहा कि आगामी सत्र में विलम्ब की सम्भावना व वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को शिक्षा विभाग में दो कदम तत्काल उठाने चाहिए एक तो पाठ्यक्रम को एक तिहाई कम करना चाहिए तथा विद्यालय प्रारम्भ होने पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने के लिए आधे विद्यार्थी एक दिन तो आधे विद्यार्थियों को अगले दिन बुलाना चाहिए।

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