प्रताप जैसे महापुरूषों का अपमान कांग्रेस सरकार की पहचान

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 18 जून।
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कक्षा 10वीं की सामाजिक विज्ञान पुस्तक से महाराणा प्रताप से जुडे कई तथ्यों को गुपचुप हटाने के मामले में प्रदेश सरकार को आडे हाथों लिया है। देवनानी ने कहा कि शौर्य के प्रतीक हल्दीघाटी युद्ध के विस्तृत विवरण को चुपचाप संक्षिप्त करना महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धाओं का अपमान करने जैसा है। इतिहास के साथ छेडछाड कर प्रताप जैसे महापुरूषों का अपमान करना कांग्रेस की अब पहचान बन चुकी है।
देवनानी ने कहा कि सत्र 2017 के बनसपत सत्र 2020-21 की 10वीं कक्षा की साामाजिक विज्ञान पुस्तक से हल्दीघाटी युद्ध की समीक्षा से लेकर मानसिंह पर आक्रमण, प्रताप के चेतक घोडे. सहित कई तथ्यों के साथ छेडछाड की गई है। इनमें से अधिकांश को हटा ही दिया है। अध्याय 2ः संघर्षकालीन भारत में प्रताप के मानसिंह पर प्रहार का विवरण तक गायब कर दिया है। इसके अतिरिक्त युद्ध के परिणाम की समीक्षा भी नदारद हैै। किताब से बलीचा गांव में प्रताप की छतरी बनी होने की जानकारी, ‘ओ नीला घोडा रा असवार’ शब्द आदि को भी गायब कर दिया है। ताजूब की बात तो यह रही है कि इतिहास के साथ कांटछांट करने का यह काम सरकार ने दबे पाॅव कर दिया। हल्दीघाटी युद्ध से जुडे इन प्रसंगों को हटाने की कानोकान खबर पाठ्यक्रम निर्माण समिति के लेखक और संयोजक तक को भी नहीं दी गई। वे प्रताप द्वारा लडे हल्दीघाटी युद्ध के इतिहास में किए बदलाव से बेखबर है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस दशकों से देश के विद्यार्थियों को गुलामी का इतिहास पढाती आई है जबकि जिस इतिहास को पढ हमारा मस्तिष्क उंचा हो और हम गौरान्वित महसूस करें ऐसे प्रसंगों पर लगातार केंची चलाती रही है। पूरी दुनिया पदमिनी के जौहर को प्रेरक मानती है। मौजूदा राज्य सरकार को यह बात चुभ गई। सरकार ने बकायदा पाठ्यपुस्तकों के मुख पृष्ठ से जौहर का चित्र हटा दिया। दुनियाभर में महाराणा प्रताप को राष्ट्रनायक माना जाता है लेकिन कांगे्रस सरकार का प्रेम अकबर से है। पिछली सरकार ने शोध के आधार पर इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में स्थापित किया कि प्रताप महान थे और हल्दीघाटी के युद्ध में उनकी विजय हुई थी। स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर के महान त्याग को पिछली सरकार ने पाठ्यक्रमों के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया। इस सरकार ने पाठ्यक्रम में बदलाव कर सावरकर के बारे में न केवल गलत तथ्य प्रकाशित करवाए बल्कि उनके नाम के आगे से वीर भी हटाया।
देवनानी ने कहा कि देश के वीर-वीरांगनाओं से पता नहीं कांग्रेस को क्या खुन्नस है। वह एक के बाद एक वीरों से जुडे शौर्ययुक्त इतिहास को पाठ्यपुस्तकों से गायब करती जा रही है। देशभक्तों के इतिहास के साथ अनावश्यक छेडछाड कर दिल्ली में बैठे अपने आकाओं को खुश करने का कांग्रसे का यह तरीका राजस्थान की देशभक्त जनता पिछले डेढ साल से देख रही है जिसका परिणाम कांग्रेस को आगे भुगतना पडेगा।

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