गहलोत कुर्सी बचाने के लिए ले रहे विधानसभा अध्यक्ष का सहारा

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 15 जुलाई।
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधान सभा अध्यक्ष का सहारा लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष का पद सम्भालने के बाद स्पीकर किसी दल विशेष से सम्बंधित नहीं रहते बल्कि उनके लिए सभी दल एक समान होते है।
देवनानी ने कहा कि स्पीकर द्वारा कांग्रेस के 19 विधायकों को नोटिस जारी कर भिजवा दिये तथा एसडीएम व कलक्टर के माध्यम से रातोरात उनके घरों के बाहर चस्पा करवा दिये जबकि 13 जुलाई को ही कांग्रेस द्वारा याचिका प्रस्तुत की गई थी और इसके विपरित भाजपा द्वारा लगभग 4 माह पहले बसपा विधायकों के सम्बंध में जो याचिका प्रस्तुत की गई थी उसकी अब तक भी सुनवाई नहीं हो सकी है।
उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाया कि वे येनकेन प्रकरेण अपनी कुर्सी बचाने के लिए तरह-तरह के हथकण्डे अपनाने में लगे है। कभी सरकारी जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर विधायकों पर दबाव बनाया जा रहा है तो कभी विधायकों पर पुलिस के पेहरे बैठा दिये गये है। इतना हीं नहीं कोरोना की आड़ लेकर बेवजह प्रदेश की सीमाएं दो बार सील करवा दी। देवनानी ने कहा कि इस बार तो गहलोत ने हद ही कर दी जब विधान सभा के बाहर आयोजित हुई कांग्रेस के विधायकों की बैठक में सम्मिलित नहीं होने वाले विधायकों को विधान सभा स्पीकर से नोटिस दिलवा दिये जो कि विधिसम्मत नहीं है। विधान सभा के बाहर होने वाली किसी कार्यवाही में स्पीकर को कोई रोल नहीं होता।
देवनानी ने कहा कि सत्ता का दुरूपयोग एवं विधिविरूद्ध तरीके से विधायकों को डरा-घमकाकर दबाव की राजनीति से गहलोत अपनी कुर्सी कब तक बचा पाएंगे जबकि हकीकत तो यह है कि गहलोत सरकार आज अल्पमत में आ चुकी है।
उन्होंने आज मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा अपने ही उप मुख्यमंत्री पर षड़यंत्र का हिस्सा बनने का आरोप लगाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कल तक जिस व्यक्ति की सराहना करते हुए अपने दल में बनाये रखने के लिए वे स्वंय व पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व पूरी ताकत लगा रहा था आज उनके ना मानने पर इस तरह से हल्के स्तर के आरोप लगाना बहुत ही हल्के स्तर की राजनीति है। वास्तव में गत डेढ़ वर्ष की अपनी अकर्मण्यता व विफलताओं तथा अन्दरूनी कलह से जनता का ध्यान हटाने के लिए वे इस तरह के हथकंडे अपना रहे है।

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