गांवों की सरकार चुनने की प्रक्रिया का हुवा आगाज-7 अक्टूबर को पूर्ण होगी प्रक्रिया

केकड़ी 19 सितंबर(निसं) राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यक्रमानुसार आज प्रातः10 बजे से गांवों की सरकार चुनने की प्रक्रिया नामांकन प्रस्तुत किये जाने से आगाज हुवा।आज सांय 5 बजे तक नामांकन पेश
किये गए।केकड़ी विधान सभा क्षेत्र की तीन पंचायत समितियों मेंकुल69 सरपंचों सहित 569 वार्ड पंचों का चुनाव तीन चरणों मे होगा।प्रथम चरण में 28 सितंबर को केकड़ी पंचायत समिति कीपंचायत समिति की22 पंचायतों में सरपंचों और182 वार्ड पंचों का चुनाव70471 मतदाताओं द्वारा किया जाएगा।
दूसरे चरण में 3 अक्टूबर को सरवाड़ पंचायत समिति की 26 पंचायतों के सरपंचों सहित 222 वार्ड पंचों का चुनाव 74448 मतदाताओं द्वारा किया जाएगा।
तीसरे व अंतिम चरण में6 अक्टूबर को सावर पंचायत समिति की21 ग्राम पंचायतों में सरपंचों सहित 165 वार्ड पंचों का चुनाव60470 मत दाताओं द्वारा किया जाएगा।
इन चुनावों के गैर दलीय आधार पर होने के कारण गांवों में एक ही पद पर अनेक उम्मीदवारों द्वारा ताल ठोक देने से माहौल काफी गर्मा चुका है।अब रूठने और मनाने के दौर प्रारम्भ हो चुके है।कांग्रेस व भा ज पा दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में चुनावो में विजय श्री का वरण करने की होड़ मच चुकी है।
गैर दलीय आधार पर गांवों की सरकार चुनी जानी है इसलिए विधान सभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों द्वारा इन चुनावों से प्रत्यक्ष रूप से दूरी बना रखी है।इसके बावजूद भी अपने अपने पसंदीदा कार्यकर्ता को विजयी बनाने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भूमिका अदा कर रहे है।
कांग्रेस की बात करे तो एक मात्र सर्वमान्य दबंग नेता रघु शर्मा है जिनके इशारे के बिना एक पत्ता भी नही हिल सकता है।दूसरी और BJP में विधान सभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फेहरिस्त लंबी है जिसके कारण अलग अलग गुटों में पार्टी बंटी हुई है।
राज्य में कांग्रेस की सरकार है फिर भी सरपंच बनने वालो में अधिकांश उम्मीदवार BJP से है इसका मतलब यह नही की कांग्रेस में उम्मीदवारों की कमी है।अब देखना यह है कि अनेक गुटों में बंटी BJP के कितने उम्मीदवार सरपंच बन पाते है।
हाँ इतना जरूर कहा जा सकता है कि राज्य की कांग्रेस सरकार चाहेगी की कड़ी से कड़ी जुड़े मगर क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नही है।ग्रामीण क्षेत्र का आमजन आज भी विकास व मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है ऐसे में कड़ी से कड़ी जुड़ने की संभावनाएं नही है।भले ही राज्य में कांग्रेस की सत्ता हो मगर गांवों की सरकार में तो BJP समर्थित सरकारों का ही बोलबाला रहने वाला है इसको

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