कांग्रेसियों ने की कृषि अध्यादेश की कड़ी निंदा

अजमेर! अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव शिव कुमार बंसल अशोक बिंदल महेश चौहान सचिव सागर मीणा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र गोयल डॉ सुरेश गर्ग ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र संबंधित अध्यादेश की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे अन्नदाता के हितों पर कुठाराघात बताया है । कांग्रेसी नेताओं ने प्रेस वक्तव्य जारी कर बताया कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन एवं सुविधा अध्यादेश, मूल आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश एवं आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश के माध्यम से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाया गया है।

उन्होंने बताया कि कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन एवं सुविधा अध्यादेश के माध्यम से केंद्र सरकार वन नेशन वन मार्केट की अवधारणा में किसानों की उपज को किसी भी व्यापारिक प्लेटफार्म पर बेचने की इजाजत देने वाला बताया गया है जबकि इस अध्यादेश के माध्यम से मंडी व्यवस्था खत्म होगी और व्यापारियों की मनमानी बढ़ेगी।

उन्होंने बताया कि मूल आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश के तहत व्यवसाई खेतों को किसान हित में बताया गया है जबकि यह अध्यादेश केवल मात्र कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का जरिया है और इसके लागू होने से कांटेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा और कंपनियां किसानों की जमीन पर अधिकारिक तौर पर खेती करेगी तथा किसान को मजदूर के रूप में कार्य करना पड़ेगा।

कांग्रेसियों ने बताया कि भाजपा की किसान विरोधी केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश के माध्यम से अनाज दलहन खाद्य तेल आलू एवं प्याज को अनिवार्य वस्तु की सूची से हटा कर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मुक्त करने का दावा किया है परंतु वास्तविकता का यह है ही इस अध्यादेश के लागू होने से किसानों द्वारा की गई कृषि उपज को जमा करने की अधिकतम सीमा से करने और कालाबाजारी को रोकने के लिए बनाए गए एसेंशियल एक्ट 1983 का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और नई व्यवस्था से स्टॉक लिमिट नहीं होने के कारण जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ेगी जिसका सीधा प्रभाव फायदा पूंजी पतियों को मिलेगा।

कांग्रेसियों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में लाए गए अध्यादेश अन्नदाता के हितों के कुठाराघात है और केंद्र सरकार किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद कर उसे व्यापारियों के ओने पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर करेगी।

कांग्रेसियों ने किसान विरोधी कृषि क्षेत्र के तीनों अध्यादेशों को अन्नदाता के लिए काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की है ।

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