अजमेर। दिल्ली में 23 दिसम्बर 1912 को स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्र्रेजो को भारत छोडने की चेतावनी हेतु चांदनी चौक लार्ड हार्डिंग पर बम फैंकने की घटना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में निकाली राष्ट्र गौरव क्रांति रथ यात्रा का आज अजमेर आगमन पर शहर भर में भव्य स्वागत किया गया एवं स्वंतत्रता सेनानियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष हबीब खां गोरान, ने कहा कि इस यात्रा की जो जिम्मदारी उठाई है इसको प्रेरणादायी बताया एवं युवा पीढी के लिए स्वंतत्रता आंदोलन में इस परिवार के बलिदान से शिक्षा ग्रहण करने की बात कही । इस अवसर पर पदमश्री डॉ. चन्द्रप्रकाश देवल ने कहा कि आज भी हमे ऐसे क्रांतिकारियों को याद करने के लिए यात्राओं का आयोजन करना पड रंहा है जिन्हे स्मरण रखने की आवश्यकता है ।
म.द.स विष्वविद्यालय अजमेर के कुलपति प्रो. रूपसिंह बारहठ ने कहा कि एक ही परिवार द्वारा आजादी आंदोलन में सर्वत्र न्यौछावार करने वाला बारहठ परिवार समूचे देश में एक ही है। बारहठ परिवार को देश के लिए प्रेरणादायी बताते हुए उन्होनें कहा कि उनके द्वारा दिया बलिदान वास्तव में मिसाल है।
राज. लोक सेवा आयोग के सदस्य पी.के. दषोरा ने कहा कि राजपूताना में स्वतंत्रता की ज्वाला को प्रज्जवलित करने वाले केसरीसिंह बारहठ ही थे। केसरीसिंह बारहठ युग दृष्टा थे। उन्होंने तत्कालीन भारत की दुर्दशा का गहन चिंतन किया।
इस अवसर पर महापौर कमल बाकोलिया ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि अजमेर की जनता के लिए आज का दिन बहुत ऐतहासिक हो गया है और हम मिलकर प्रयास करेगें कि एक सडक का नाम महान क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ के नाम पर हो ।
समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व सासंद औंकार सिंह लखावत ने कहा कि बारहठ परिवार के आजादी आंदोलन में दिए गए योगदान को भूलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी आंदोलन के बाद आज राजनीति में जो मूल्यों में गिरावट आयी है उसे रोकने के लिए बारहठ के आदर्शाे पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केसरीसिंह बारहठ व उनके परिवार ने देश को जो दिया है, वो अमूल्य धरोहर है।
औंकार सिंह लखावत द्वारा लिखित पुस्तक स्वातंत्रय राजसूय यज्ञ में बारहठ परिवार की महान आहुति का लोकार्पण किया। लखावत द्वारा लिखित पुस्तक में देश के महान क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ परिवार द्वारा आजादी आंदोलन में दिये गये महान कार्याे का उल्लेख किया गया। लखावत ने इस मौके पर कहा कि यह पुस्तक प्रदेश व देश वासियों के लिए जनजागरण का काम करेगी।
यात्रा संयोजक कैलाश सिंह जाड़ावत ने यात्रा के उदेश्यों की जानकारी देते हुए कहा कि बारहठ परिवार के इतिहास को जन जन तक ले जाने व क्रांतिकारियों के जज्बे से आमजन को जोडऩे के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा प्रदेश के 13 जिलों से होकर 23 दिसंबर को नई दिल्ली पहुंचेगी ।
नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष नरेन शाहणी भग्त , उपमहापौर अजीत सिंह राठौड, जिलाप्रमुख सुशीला कंवर पलाडा, जनाब इब्राहम फखर,, सम्पत सांखला ने अपने क्रांतिकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि हमें इनके जीवन प्रेरणा लेकर जीवन में ऐसे कार्य करने का संकल्प लेना चाहिये ।
समारोह में प्रसिद्ध कवि प्रो. हरीश व रासबिहारी गौड ने अपनी वीर रस की कविता सुनाते हुये क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की ।
जगह जगह स्वागत द्वार लगाकर उनका अभिनंदन किया गया।
यह यात्रा अजमेर में सराधना रोड़ स्थित एच.एम.टी. के पास से प्रवेश करते गाजे बाजे के साथ साफा बांधकर स्वागत किया गया । शहर भर में विभिन्न संगठनों व व्यापारिक संगठनों सहित सामाजिक संस्थाओं ने जोरदार पुष्प वर्षा कर शहर को राष्ट्र गौरव क्रांति रथयात्रा का स्वागत किया जिसमें फूट सब्जी मण्डी , केशव माधव संस्थान, भारत विकास परिषद विशव हिन्दु परिषद, भारतीय सिन्धु सभा, मदार गेट, केसरगंज चौराहा, डिग्गी बाजार, पडाव क्लॉक टावर, मदार गेट, गांधी भवन चौराहा, चूडी बाजार, पूरानी मण्डी, गोल प्याऊ, नया बाजार चौपड, आगरा गेट, गणेश मंदिर, महावीर सर्किल, बजरंग गढ चौराहा, क्रिश्चियनगंज मंदिर, आनन्द नगर, के व्यापारिक संगठनों ने 140 स्वागत द्वार व पुष्पवर्षा से अभूतपूर्व स्वागत किया ।
भकितधाम में आयोजित कार्यक्रम में भारत माता व तीनों क्रांतिकारियों के चित्रों के समक्ष 251 दीप प्रज्जवलित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम में स्वागत भाषण संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वी.डी. कविया व आभार समाजसेवा कवंलप्रकाश ने किया व मंच का सफल संचालन डॉ. सरोज लखावत ने किया ं । इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी श्री इसरसिंह बेदी, शोभाराम गहरवाल, श्रीकिशन अग्रवाल तथा सेना के पूर्व अधिकारी सी.एस. चूंण्डावत व क्रस्टोफर एडवर्ड (मरणोपरांत) एवं भारत अमेरीका के संयुक्त युद्ध अभ्यास में सर्वशेष्ठ प्रदर्शन के लिये कमल चारण का श्रीफल व शॅाल पहनाकर सम्मान किया गया ।