73वें वर्चुअल वार्षिक निरंकारी संत समागम का सफलतापूर्वक समापन

केकड़ी 10 दिसंबर(पवन राठी)जीवन में स्थिरता सहजता और सरलता लाने के लिए परमात्मा के साथ नाता जोड़ें, यह विचार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने मानवता को प्रेरित करते हुए तीन दिवसीय 73वें वर्चुअल वार्षिक निरंकारी संत समागम के समापन दिवस पर अपने प्रवचनों में व्यक्त किए।
केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक रंगवानी ने बताया कि इस समागम का संत निरंकारी मिशन की वेबसाइट एवं संस्कार टीवी चैनल पर विश्व में फैले लाखों श्रद्धालु भक्तों द्वारा आनंद प्राप्त किया गया।
सेवादल इंचार्ज लक्ष्मण धनजानी ने बताया कि समागम के दूसरे दिन का प्रारंभ एक रंगारंग सेवादल रैली से हुआ जिसमें देश विदेश के सेवादल भाई बहनों द्वारा प्रार्थना,शारीरिक व्यायाम, खेलकूद तथा विभिन्न भाषाओं के माध्यम द्वारा मिशन की मूल शिक्षाओं को दर्शाया गया।
सेवा में समर्पित रहने वाले सभी संतो को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि कोरोना के कारण जीवन में इतनी सारी परेशानियां एवं समस्या आने के बावजूद जिन का मन स्थिर था एवं जिन्होंने सेवा भाव से अपने मन को जोड़े रखा उनके जीवन में सहजता और स्थिरता कायम रही। सतगुरु माता जी ने कहा कि हमने सेवा केवल स्वयं के परिवार की नहीं अपितु पूरे संसार के लिए करनी है “सेवादार मानवता है धर्म हमारा, हम केवल इंसान हैं के” भाव को अपनाते हैं
मीडिया सहायक राम चंद टहलानी ने बताया कि समागम के समापन दिवस पर संध्या को एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विश्व भर के किस कवियों ने “स्थिरता से नाता जोड़ कर मन का ,जीवन को हम सहज बनाएं” इस शीर्षक पर विभिन्न बहुभाषी कविताओं का सभी ने आनंद लिया जिसमें हिंदी,अंग्रेजी, पंजाबी,मराठी,उर्दू एवम मुल्तानी इत्यादि भाषाओं का समावेश देखने को मिला।
अपने घरों में बैठकर वर्चुअल रूप में लाखों श्रद्धालुओं ने इस समागम का आनंद प्राप्त किया और यह प्रार्थनाएं भी की कि अगला समागम प्रत्यक्ष रूप से सदैव की भांति मैदानों में आयोजित हो।
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