आज दिनाक 3 अगस्त, 2021 को भारत विकास परिषद अजयमेरू,अजमेर द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कल्याणीपुरा अजमेर के नव निर्मित भवन मे वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । शाखा सचिव अनुपम गोयल ने बताया कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम इस धरती को बचाते। बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन का सृजन करते हैं”। कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गए हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं। न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रकृति को नष्ट कर रहा है बल्कि यह हमें उससे अलग भी कर रहा है। अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे। प्रदूषण का स्तर इन दिनों बहुत अधिक बढ़ रहा है। इससे लड़ने का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। उदाहरण के लिए पेड़ों से घिरे क्षेत्र, गांव और जंगल शुद्ध पर्यावरण को बढ़ावा देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कम प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र हैं। दूसरी ओर शहरी आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में खराब प्रदूषण और कम पेड़ों की संख्या के कारण ख़राब गुणवत्ता की वायु है।
शाखा अध्यक्ष हनुमान गर्ग (श्रीया) ने लोगो से ये अपील की गयी की वे अपने जीवन काल में एक वृक्ष लगाए एवं उसका ध्यान रखे । वर्षा ऋतु मे परिषद् द्वारा सधन वृक्ष रोपण अभियान चलाया जायेगा जिसके अंतर्गत शहर के विधालय एवं उद्यानो में पेड़ लगाए जायेंगे । वृक्षारोपण का महत्व इतना स्पष्ट है तब भी कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। यह सही समय है जब हमें वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और उसकी ओर अपना योगदान देना चाहिए।
शाला प्रधानाचार्य राजकुमार जारवाल के कहा कि वृक्षारोपण महत्वपूर्ण क्यों है इसके पीछे कई कारण हैं। मुख्य कारणों में से एक कारण यह है कि वृक्ष जीवन-प्रदान करने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है। एक सर्वे के अनुसार विश्व मे हर साल जितने वृक्ष काटे जाते है उसकी तुलना मात्र 70 प्रतिशत वृक्ष ही वापस लगाए जाते है जिस कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है प्रकृति के संतुलन को बनाये रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्षो को लगाया जाना आवश्यक है ।
शाखा कोषाध्यक्ष अशोक टांक ने कहा कि परिषद अपने पांच सूत्रों “सम्पर्क, सहयोग, सेवा, संस्कार एवं सर्मपण” के माध्यम से समाज के उत्थान सेवा एवं संस्कार के कार्यक्रम किये जाते है। इसी के अन्तर्गत 35 वृक्ष लगाकर पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ नये लोगो के साथ सम्पर्क व उनसे सहयोग के साथ पेडों की सेवा हेतु नागरिकों में संस्कार व सर्मपण की भावना जाग्रत करने का कार्य किया जाता है । पर्यावरण संरक्षण की महत्ता को ध्यान मे रखते हुए 35 विभिन्न प्रकार के छायादार व फलदार वृक्ष लगाए गये,जिनमें नीम,गुल मोहर, करंज, जामुन, आम, बील, शहतूत, अनार, बरगद आदि मुख्य थे।
आज परिषद के सदस्यों ने इस पुनीत कार्य को करने हेतु स्वयं अपने हाथों से वृक्ष लगाकर लोगो को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर अध्यक्ष हनुमान गर्ग (श्रीया), सचिव अनुपम गोयल, कोषाध्यक्ष अशोक टांक, दीपचंद श्रीया, रवी मोतीयानी, कमल किशोर मित्तल, शाला स्टाफ से नरेन्द्र भारद्वाज, गणेश लाल जांगिड़, रविन्द्र भाटी, श्रीमती ममता दगदी आदी शाला स्टाफ उपस्थित थें ।
अनुपम गोयल
शाखा सचिव
9214429399