प्रशासन का फरमान लोगों के लिए बना मुसीबत, कोरोना वैक्सीन की पहली डोज के लिए भटक रहे लोग
ब्यावर (सुमित सारस्वत)। सरकार कह रही है वैक्सीन लगवाइए, नेता-अभिनेता कह रहे हैं वैक्सीन लगवाइए, पुलिस और प्रशासन कह रहा है वैक्सीन लगवाइए, मगर वैक्सीन लगवाएं कहां? यह सवाल है ब्यावर के लोगों का, जो वैक्सीन लगवाने के लिए हर रोज वैक्सीनेशन सेन्टर्स के चक्कर लगा रहे हैं मगर प्रशासन के अजीब फरमान के कारण उन्हें कोरोना की वैक्सीन नसीब नहीं हो रही है।
ब्यावर में कोरोना टीकाकरण केंद्रों पर बड़ी संख्या में लोग फर्स्ट डोज लगवाने पहुंचते हैं मगर उन्हें वैक्सीन नहीं लग पाती और घंटों लाइन में लगे रहने के बाद लौटा दिया जाता है। कतार में खड़े बिजयनगर रोड निवासी बलराम ने बताया कि वे सुबह 9 बजे से लाइन में लगे हैं मगर दोपहर डेढ बजे तक भी उनका नंबर नहीं आया। उन्हें बार-बार यही जवाब मिलता रहा कि पहली डोज नहीं लग रही है। इसके बावजूद वैक्सीन की उम्मीद लगाए वे 5 घंटे से भी अधिक समय तक कतार में खड़े थे।
नृसिंहपुरा निवासी जयसिंह ने बताया कि स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को वैक्सीनेशन के नए निर्देश बाद वे अपनी पत्नी को वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के लिए करीब एक महीने से अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं मगर वहां दूसरी डोज लगने के कारण उनका नंबर नहीं आ रहा और उन्हें हर बार निराश होकर लाैटना पड़ता है। प्राइवेट जॉब होने के कारण मालिक की नाराजगी का सामना भी करना पड़ता है।
वैक्सीनेशन नहीं होने से लोग धार्मिक स्थलों का दर्शन करने भी नहीं जा पा रहे हैं। सेंदड़ा रोड निवासी उषा नाथद्वारा में श्रीनाथजी का दर्शन करने जाना चाहती है मगर वैक्सीनेशन नहीं होने के कारण भगवान के दर्शन से वंचित है। आपको बता दें कि देश-प्रदेश के बड़े मंदिरों और मस्जिदों में प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन की अनिवार्यता है।
तीसरी लहर की आहट के चलते वैक्सीनेशन से वंचित लोगों को डर सताने लगा है मगर चाहकर भी वैक्सीन नसीब नहीं हो रही। दरअसल ब्यावर प्रशासन कोरोना की दूसरी डोज को प्राथमिकता दे रहा है इस वजह से लोग पहली डोज से वंचित हो रहे हैं। प्रशासन का यह फरमान लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। इस बारे में वैक्सीनेशन केंद्र प्रभारी दीपक जैन से बात की तो उनका कहना था कि प्रशासन से उन्हें सैकेंड डोज लगाने के निर्देश मिले हैं। सैकेंड डोज लगाने के बाद यदि वैक्सीन बचती है तो फर्स्ट डोज लगाई जाती है।
एक तरफ सरकार लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रही है और दूसरी ओर ब्यावर में प्रशासन के इस फरमान से लोगों को वैक्सीन नहीं मिल रही। बड़ा सवाल है कि ऐसे हालातों में किस तरह शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन पूरा हो पाएगा ?
