आदिवासियत एक विचारधारा है, एक दर्शन है

विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर हुई परिचर्चा
राजस्थान में जय मिनेष ट्राइबल विश्वविद्यालय खोले जाने का किया स्वागत

अजमेर। विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय मीणा महासभा की अजमेर जिला इकाई ने रविवार को एक कार्यक्रम आयोजित कर आदिवासी मीणा समाज की संस्कृति के उत्थान और प्रसांगिकता पर चर्चा की। इस अवसर पर मीना समाज को राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा राजस्थान मे जय मिनेष ट्राइबल विश्वविद्यालय खोले जाने की घोषणा का करतल ध्वनि से धन्यवाद और आभार व्यक्त किया गया तथा इसे आदिवासी मीणा समाज के लिए बहुत बडा तोहफा बताया। परिचर्चा में आईईएस विनय मीणा ने कहा कि आदिवासीयत एक विचारधारा है और एक दर्शन है। हमारी संस्कृति जितनी प्राचीन और गौरवशाली है उतनी ही प्रगतिशील है। जीवन के हर क्षेत्र में मीणा समाज ने उपलब्धियां हासिल कर समाज के साथ देश का नाम रौशन किया है। एस एस मीणा ने कहा कि आज समाज की युवा पीढी को मीणा समाज के आदर्श स्वतंत्रता सैनानियों के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राष्ट्रीय मीणा महासभा के जिलाध्यक्ष करतम मीणा ने बताया कि विश्व में आदिवासी मीणा समाज सबसे प्राचीन समाज है इसकी जडें मानव उत्पत्ति के इतिहास से जुडी हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने आदिवासी समाज की महत्वता को समझा है इसलिए प्रतिवर्ष नौ अगस्त विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने की घोषणा की। करतम मीणा ने कहा कि हमारे देश की केन्द्र सरकार को भी चाहिए कि प्रतिवर्ष नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करे। इस संबंध में आदिवासी मीणा समाज की ओर से केन्द्र सरकार को पूर्व में ज्ञापन भेजे जा चुके हैं और सोमवार को राष्ट्रीय मीणा महासभा की अजमेर जिला ईकाई की ओर से राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। भवानी सिंह मीणा पब्लिक नोटरी ने बताया कि सामंती जुल्मों से मुक्ति एवं भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मीणा योद्धा श्री गणपत राम बागरानिया ,श्री लक्ष्मी नारायण जरवाल ,हरसहाय जेफ ,भेरूलाल काला बादल, श्री कृष्ण मत्स्य, बद्री प्रसाद दुखिया ,धर्मपाल सेवरिया, नेमाराम बयाडवाल ,भगवान सिंह तरंगी, सुरजा राम जेफ, गंगाराम मानव ,भगूता राम मीणा ,सुरजाराम, मुनि मगन सागर जी, ैंदज घाटीमदासजी, सुल्ताना राम ,भोमाराम मीणा ,रंगजी भाई मीणा ,कल्याण सहाय झरवाल, सुरजाराम ,सुखदेव ,भीम सिंह मीणा, गुलाबचंद गोठवाल ,भारमल मीणा, उमराव सिंह मीणा ,रणजीत मल, नरसिंह नारायण , आदि हमको सामंती जुल्मों से मुक्ति दिलाने वाले एवं स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी मीणा योद्धाओं को नमन किया गया अवसर पर आदिवासी मीणा समाज के ईष्ट देवता की वंदना, आरती की गई। पुलिस लाईन चौराहा स्थित जगदम्बा टावर में राष्ट्रीय मीणा महासभा कार्यालय में हुए आयोजन में महासभा के पदाधिकारी बृजमोहन मीणा महासचिव राष्ट्रीय मीणा महासभा अजमेर, सागर मीणा निवर्तमान सचिव शहर कांग्रेस कमेटी अजमेर, पुष्पेंद्र मीणा, बाबूलाल मीणा, सोहन लाल, मीणा, विनय मीणा, संजय मीणा आदि शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन सचिव शहर जिला कांग्रेस कमेटी सागर मीणा ने तथा संयोजन अरविंद मीणा ने किया। सभी ने शपथ ली कि हम भारतीय संविधान की रक्षा करेंगे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सभी विभागों में निजीकरण का विरोध करेंगे उच्चतम न्यायालय में आरक्षण लागू करवाएंगे आदिवासी महापुरुषों और भारतीय संविधान को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करवाएंगे जल जंगल और जमीन की रक्षा करेंगे

1 thought on “आदिवासियत एक विचारधारा है, एक दर्शन है”

Comments are closed.

error: Content is protected !!