‘जो भगवान के पास आया, वह तर गया…’’- डॉ. अर्जुन सिसौदिया

अजमेर 16 अगस्त। राष्ट्रीय कवि संगम अजमेर जिले की श्रीराम काव्यपाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में तेरहवाँ दिवस पर 12 प्रतिभागियों ने भाग लेकर भगवान राम पर आधारित कविताओं का वाचन किया।
प्रतियोगिता की अध्यक्षता करते हुए उत्तरप्रदेश के बुंलदशहर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं रचनाकार डॉ. अर्जुन सिसौदिया ने अपनी रचना ‘‘श्रीराम काव्य धारा के अंशो की प्रभावी प्रस्तुति देते हुए कहा कि जो राम से विमुख हुआ, वह राजनीति से दूर हुआ, जो भगवान के पास आया, वह तर गया, उन्होनें भगवान राम-सीता, हनुमान, तुलसीदास पर रचित छदों का वाचनकर राममयी आस्था को प्रकट करते हुए 12 बाल कविओं को आशिर्वाद देते हुए भगवान राम की आदर्शों को अपने जीवन में उतार कर बताये के पथ पर चलने पर जोर दिया एवं नवकौपल रचनाकारों ने जिस जोश और उत्साह से इस राम काव्य पाठ में भाग उसको देखकर कविताओं का भविष्य उज्जवल है, यही राष्ट्रीय कवि संगम का उद्वेश्य में सफल हुआ है।
संस्था के उपाध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि प्रतियोगिता में सर्वप्रथम प्रत्युश पाराशर ने ’’त्याग कर महलो का सुख, राम को वन जाना पड़ा…’’, अंयाश शर्मा ने नंदलाल की रचना ‘‘पुरूषोतम मर्यादाधारी, पूजे सब नर नारी, वह तो है मेरे राम….’’, पवित्र जैन ने राहुल बर्मन की रचना न्यौछावर किया सबकुछ, जिसके वह हकदार थे…’’, मान्यता भार्गव ने अजमेर मे रचनाकार देवदत्त शर्मा रचना केवट की उतराई…‘‘ तन्मय वैद्य ने ‘‘श्रीराम का गुणगान कीजिए…’’, कु. तन्वी वैद्य ने लोकेश इंदोरा की रचना ‘‘राम भक्ति बहती धारा है, हे राम नाम मोष द्वार..’’, कु. अक्षरा शर्मा ने ‘‘अवध में राम आये है, सजा दो घर को गुलशन सा…’’, कु. तन्वी वैष्णव ने ‘‘नयन शुष्क रहे, सब ही नीर बहे गये…’’, कु. मधुरा वैद्य ने कुमार विश्वास की रचना ‘‘मानवता की खुली आँख के सबसे सुंदर सपने राम…’’, मनन लालवानी ने ‘‘राम बडे़ वीर थे, लड़ने में रणवीर थे…’’, कु. सुमन चौधरी ‘‘राम दया है, क्रोध नही सुन लेना…’’, कु. खूश्बू मीणा ने ‘‘राम को श्रीराम बनना, ऐसे निभाना पड़ा…’’, की प्रस्तुतियां देकर बाल कवियों ने अपनी साधना का परिचय देते हुए सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रतियोगिता का संचालन करते हुए महामंत्री नरेन्द्र कुमार भारद्वाज ने सभी निर्णायकगणों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रतियोगिता का प्रसारण यू-ट्यूब व फेसबुक के ऑन लाईन पॉर्टल पर किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक साहित्यकार डॉ. पूनम पांडे एवं विनिता बाडमेरा थे। प्रतियोगिता के अंत में निर्णायकगणों ने अपनी प्रस्तुतियां भी दर्शकों के लिए दी। प्रतियोगिता के जिला संयोजक लक्ष्मी नारायण सोनगरा ने सभी को रामपथ पर चलने का आह्वान करते हुए सभी प्रतिभागियों व निर्णायकगणों को धन्यवाद दिया।

संस्था के अध्यक्ष ललित कुमार शर्मा ने बताया कि अगली प्रतियोगिता 17 अगस्त को दोपहर 2ः00 बजे से ऑन लाईन माध्यम से अन्य प्रतिभागियों के लिए आयोजित की जाऐगी। यह प्रतियोगिता जिला, प्रांत व राष्ट्रीय स्तर पर चरणबद्ध प्रतियोगिता में विजेताओं को नकद पुरस्कार दिये जाऐगें व सभी प्रतिभागियों को ऑन लाईन प्रमाण पत्र देने की भी संस्था द्वारा प्रावधान किया गया है। काव्य गोष्टी में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए अंतिम 15 अगस्त थी। अब तक 300 आवेदन प्राप्त हो चुके है।

कंवल प्रकाश किशनानी
मो. 9829070059

error: Content is protected !!