11 दिन में किया 2900 किलोमीटर का सफर
अजमेर, 30 जुलाई। भगवान भोलेनाथ की भक्ति के पर्व सावन मास में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ राज्यों के धार्मिक स्थानों की यात्रा कर भक्तों का दल अजमेर लौट आया है। यात्रा संयोजक सुमित सारस्वत ने बताया कि 11 दिवसीय धार्मिक यात्रा के तहत 96 सदस्यों ने करीब 2900 किलोमीटर का सफर किया। अमरकंटक में पतित पावनी नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर श्रीमद भागवत कथा का श्रवण किया। निम्बार्क संप्रदाय अजमेर के कथावाचक पं.रविशंकर शास्त्री ने ठाकुरजी की दिव्य लीलाओं का गुणानुवाद किया। कथा के मध्य भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव, नंद उत्सव, गोवर्धन लीला, विवाह उत्सव धूमधाम से मनाए गए।
यात्रा के दौरान मां नर्मदा मंदिर, सिद्धि विनायक, स्वयंभू ज्वालेश्वर महादेव, अमलेश्वर महादेव, सोनभद्र उद्गम स्थल, सिद्ध शोणाक्षी शक्तिपीठ साेनमूड़ा, कबीरदास की कुटिया, कपिल मुनि के आश्रम, कल्याण आश्रम, सोन नदी के उद्गम स्थल, जोहिला नदी के उद्गम स्थल, माई की बगिया, माई का मंडप, चौसठ योगिनी, त्रिपुर सुंदरी मां, दूधधारा, धुंआधार प्रपात, जैन मंदिर, गुरुद्वारा साहिब, श्रीयंत्र मंदिर व अन्य कई धार्मिक व दर्शनीय पौराणिक स्थलों का भ्रमण और दर्शन किया। पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए नर्मदा नदी के तट पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ तर्पण किया। इस धार्मिक यात्रा में पं.ज्योतिस्वरूप शर्मा, मनीष शर्मा, सुमित सारस्वत, कैलाशचंद जोशी, राजेंद्र गर्ग, उदयनारायण यादव, किशनलाल साहू, सुभाष परिहार, आशीष त्रिवेदी, जयप्रकाश शर्मा, राजकुमार बंसल, हनी शर्मा, रामरतन प्रजापत, विनोद जैन, केदार सिंह, मुन्नालाल सहित ब्यावर, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, मुंबई के भक्त शामिल थे।
