मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है – रामचंद्र चौधरी

केंद्र सरकार श्वेत क्रांति में डाल रही है बाधा
अजमेर! अजमेर डेयरी के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामचंद्र चौधरी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है। केंद्र सरकार श्वेत क्रांति में बाधा डाल रही है। डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी आज जिला कलेक्ट्रेट पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर महंगाई. बेरोजगारी एवं आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी थोंपने के विरोध में आयोजित हल्ला बोल कार्यक्रम में धरने को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है एवं किसान एवं पशुपालकों की आमदनी को दुगना करने की प्रधानमंत्री की घोषणा थोथी साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आटे दाल के साथ दही लस्सी और छाछ पर भी जीएसटी लागू कर देश में चल रही श्वेत क्रांति में अवरोध पैदा कर रही है ! उन्होंने कहा कि आज महंगाई और बेरोजगारी से देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोग बुरी तरह परेशान है और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेसका हल्ला बोल प्रदर्शन किया जा रहा है ! जिससे केंद्र सरकार की तानाशाही सोच पर दबाव पड़े और वह आमजन के हित में फैसले लेने को मजबूर हो!
उन्होंने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल चल रहा है और लोकतंत्र में केंद्र सरकार की तानाशाही के विरोध में आवाज उठाने वालों की आवाज को दबाया जा रहा है !जो की गलत है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार आयोजित हल्ला बोल कार्यक्रम में आज सुबह से ही जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अजमेर जिले के विभिन्न स्थानों से कांग्रेसी कार्यकर्ता, किसान एवं दूध उत्पादक भारी संख्या में धरने पर पहुंचे और भारी बरसात के बावजूद धरना देकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस अवसर पर पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, महेंद्र सिंह गुर्जर, रामनारायण गुर्जर, डॉ गोपाल बाहेती पूर्व जिला प्रमुख रामस्वरूप चौधरी महेंद्र सिंह रलावता अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव शिव कुमार बंसल हरि सिंह गुर्जर छीतर मल टेपण प्रद्युम्न सिंह कानाराम हनुतिया (कवि), उदाराम भेरुखेड़ा, भागचंद घासल, हरि धायल, राजू जैवलिया, राजेंद्र चौधरी, दिनेश सिंह राठौड़, मोती गुर्जर, रूपचंद नुवाद, धीराराम थोरिया, लालाराम वैष्णव सरपंच देवास, छोगालाल चौधरी, रामकन्या जी, गीता चौधरी, गोवर्धन ललई, विजय नागोरा, गजेंद्र रलावता, हनुमान बेगलियावास, मानसिंह झाक, राकेश मेवाड़ा, मांगीलाल काठात, रामलाल नगवाड़ा, सुभान काठात, नेकदिन जी सरपंच श्यामगढ़, अशरफ काठात, दिनेश पदावत सरपंच खरवा, चेनाराम जाट, रामस्वरूप परौदा, रामेश्वर भदून, शांतिलाल ढेल, सत्य नारायण भटेसर, ओम जी सिरोंज, उदाराम कटसुरा, तुलसीराम झीरोता, हरिराम धांनमा, रामधन जी डोरिया, धर्मी चंद बोराड़ा, देवकरण गुर्जर शाहबुद्दीन काठात, हरि राम जाटली आदि कांग्रेसी कार्यकर्ता, किसान एवं पशुपालक भारी संख्या में मौजूद थे।

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