जलरंगो के माध्यम से अजमेर को देखना सुखद अनुभव

कला के बिना हमारी संस्कृति अधूरी है। कला हमारे जीवन में जीवंतता लाती है और खुशनुमा बनाती है। जल रंगों के माध्यम से कैनवस पर चित्रित अजमेर के पर्यटन स्थलों को देखना एक अनूठा अनुभव रहा। उक्त विचार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ प्रियंका रघुवंशी ने राजकीय संग्रहालय के दीवान–ए–खास में मंगलवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग अजमेर वृत्त, पृथ्वीराज फाउंडेशन और आकार आर्ट ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पोर्ट्रेचर ऑफ अजमेर कला प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए।
उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि कलाकारों की सृजनशीलता ने अजमेर के स्थलों की खूबसूरती में निश्चित की चार चांद लगा दिए हैं।

अजमेर के बोध और उसकी मिट्टी का यथार्थ, यहाँ के जन जीवन के तीखे तल्ख तेवर इस प्रदर्शनी के आधार स्तंभ रहे। निरंतर गतिमान जीवन विमर्श जैसा अजमेर जहां कौतूहल, जिज्ञासा और उहापोह की हजारो तरंगे इस कला प्रदर्शनी में सबको आकर्षित करती रही, ठांठें मारती अजमेरियत और अजमेर का सांगोपांग सामाजिक, सांस्कृतिक रंग और ऐसी बारीक बातें भी नजर आई जिन्हें कलाकारो ने अपनी कूची से संवारा। अपने अजमेर को इस तरह प्रस्तुत करने की उत्सुक्ता, आतुरता और उत्कंठा ने राजकीय संग्रहालय की छटा को अनुपम बना दिया ।
डॉ प्रियंका रघुवंशी ने वरिष्ठ कलाकार अशोक हाजरा, डा. अनुपम भटनागर, प्रहलाद शर्मा, लक्ष्यपाल सिंह राठौड़, सचिन साखलकर, संजय सेठी, लता शर्मा, प्रजेष्ठ नागोरा, कौशिक कुंडू, अरिजीत राय, मदन राजोरिया, देवेंद्र खारोल, बनवारी ओझा, मनोज प्रजापत, पुष्पकांत मिश्रा, विशन लाल को सम्मानित किया।
पृथ्वीराज फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ पूनम पांडे और सचिव दीपक शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। संग्रहाध्यक्ष रूमा आज़म ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर युवा गायक तेजपाल सिंह ने राजस्थानी मांड में केसरिया बालम, म्हणे सुनो ओ परिवार साहेबा आपके बिना, होल होल चलो गौरी मोच पड़ जाए, सागर पानी भरवा जाऊ सा नजर लग जाये आदि की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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