देवनानी ने वीर सावरकर की जयंती पर रविवार को विभिन्न वार्डों में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका हमेशा देश के महापुरूषों के प्रति सम्मान रहा है, इसलिए उन्होंने अपने शिक्षा मंत्री कार्यकाल में स्कूली पाठ्यक्रमों में वीर सावरकर और महाराणा प्रताप की जीवनी और उनके आदर्शों को शामिल किया।
देवनानी ने कहा कि गरीबी और आर्थिक संकट होने के बावजूद वीर सावरकर ने पढ़ाई की। सावरकर ने नवयुवकों को संगठित करके मित्र मेलों का आयोजन किया, जिससे नवयुवकों में राष्ट्रीयता की भावना के साथ क्रान्ति की ज्वाला जाग उठी। सावरकर को अंग्रेजों ने अनेक तरह की घोर यातनाएं दीं, लेकिन सावरकर अपने उद्देश्य से डिगे नहीं। देवनानी ने कहा कि हम सभी को सावरकर के आदर्श जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना और देश की सेवा करनी चाहिए।