अजमेर प्रशासन कांग्रेस के इशारे पर हिन्दु विरोधी और तुष्टीकरण की राह पर- देवनानी

– कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम सरकार अब मंदिरों को तोड़ रही- देवनानी

वासुदेव देवनानी
अजमेर 16 अगस्त। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा के कानून व्यवस्था को संभालने में नाकाम रही कांग्रेस सरकार अब मंदिरों को तोड़ने का काम कर रही है। देवनानी ने आरोप लगाया कि हिंदू विरोधी कांग्रेस सरकार अजमेर में लगातार धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। बुधवार को प्रगति नगर कोटडा में स्थित श्री स्वयंभू त्रिलोकीनाथ पीपलेश्वर मनोकामना महादेव मंदिर को तोड़ने के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण की टीम पहुंची थी। सूचना पर मौके पर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रमेश सोनी, पार्षद मनोज मामनानी, शंकर सिंह रावत, अंकित वाल्मिकी, भावेश गुजराती, रमेश चंद सैन, भावेश मामनानी, सहित स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्राधिकरण की टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
देवनानी ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा की इससे पहले आनासागर चौपाटी पर स्थित भगवान देवनारायण मंदिर की दीवार को भी तोड़ा गया जिस पर सर्व समाज के भारी विरोध के बाद प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा था। इसके बाद भगवान जगन्नाथ यात्रा को अनुमति देने में भी आनाकानी की गई और हाल ही में झरनेश्वर महादेव के नगर भ्रमण की अनुमति को खारिज कर कांग्रेस सरकार हिंदू विरोधी होने के अपने असली चेहरे को जनता के सामने ला रही है।
देवनानी ने कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण की टीम प्रगति नगर कोटडा में जिस मंदिर को तोड़ने के लिए पहुंची थी वहां कुछ महीनों पहले ही वृक्षारोपण के दौरान जमीन में दबा काफी पुराना शिवलिंग मिला था। जिस पर स्थानीय लोगों ने उस जगह पर मंदिर की स्थापना की थी। ऐसे में जनता की धार्मिक भावनाओं पर जेसीबी चलाने का दुस्साहस इस सरकार ने करने का प्रयास किया। देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार समय-समय पर हिंदू विरोधी होने का अपना असली रूप दिखाती रही है। जहां एक तरफ हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो वही समुदाय विशेष पर खास मेहरबानी बरती जाती है और उनके धार्मिक आयोजनों को पुलिस निगरानी में संपन्न करवाया जाता है।
देवनानी ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के साढे चार वर्ष के शासन में प्रदेशभर में हिन्दु विरोधी और तुष्टीकरण का वातावरण बना हुआ है, दो दर्जन से अधिक संत महात्माओं की हत्याऐं, पुजारियों की हत्याऐं, चालीस से अधिक साम्प्रदायिक दंगे, महापुरूषों की जयंतियों पर जुलुस यात्रा की अनुमति नही दी जाती है, कई स्थानों पर तो रामनवमी, हनुमान जयंति जैसी यात्राओं को रोका गया, सावन में निकलने वाली कावड़ यात्रा पर बाधाऐं डाली जाती है, खाटू श्याम जाने वाले संगीत वाहनों को जब्त कर लिया जाता है। गहलोत सरकार द्वारा वोट बैंक के लिऐ तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है, राजस्थान की संस्कृति व परम्परा से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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