सेवा प्रेरकों के नाम पर कांग्रेस सरकार सरकारी धन पर अपने राजनीतिक कार्यकर्ताओं की कर रही है नियुक्ति = देवनानी

हाई कोर्ट ने नियुक्ति पर लगाई रोक सरकार से मांगा जवाब

वासुदेव देवनानी
अजमेर 18 सितंबर। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस सरकार पर संविदा के आधार पर महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की नियुक्ति को अनैतिक और वैधानिक बताते हुए कहा कि सरकार राजकीय कोष से पैसे खर्च कर महात्मा गांधी के नाम पर अपने लिए राजनीतिक कार्यकर्ताओं को तैयार करने की योजना बना रही है। देवनानी ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ने 50000 सेवा प्रेरकों की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा है तब तक के लिए इनके नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जाएंगे।
देवनानी ने आरोप लगाया कि चुनाव से ठीक पहले गहलोत सरकार कांग्रेस पार्टी के प्रचार करने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग करना चाह रही है। इन सेवा प्रेरकों को 1 साल के अनुबंध पर रखा जाएगा जिसका मानदेय भुगतान सरकारी कोष से होगा। देवनानी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अपनी संभावित हार को देखते हुए गहलोत सरकार में खलबली मची हुई है और अब सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करना भी शुरू कर दिया गया है। देवनानी ने कहा कि सरकारें तो आती जाती रहती हैं लेकिन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए और अपनी निष्पक्षता को बनाए रखते हुए काम करना चाहिए।
देवनानी ने आरोप लगाया कि इन सेवा प्रेरकों की संविदा नियुक्ति के लिए जो मापदंड तय किए गए उसमें भी पारदर्शिता का अभाव रहा। देवनानी ने कहा कि इस संविदा नियुक्ति में ऐसे व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जा रही है जिन्हें सरकार की ओर से आयोजित महात्मा गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने का अनुभव हो। जबकि यह शिविर भी महज एक दिन के लिए ही आयोजित हुए थे। साथ ही भर्ती प्रक्रिया में किसी विधान का ध्यान नहीं रखा गया और प्रेरकों की कार्य की शर्तों और दशाओं का भी उल्लेख नहीं है। चयन के लिए योग्यता संबंधी वरीयता तय करने जैसे प्रावधान भी नहीं बताए गए जिससे इस पूरी भर्ती प्रक्रिया पर भी कई तरह के सवाल खड़े होते हैं और इसके पीछे सरकार की राजनीतिक स्वार्थ की महत्वाकांक्षा साफ झलकती है।
इसी तरह कांग्रेस सरकार चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है अपने पसंद के अधिकारियों को नियुक्ति दी जा रही है।

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