सान्दोलिया सहकारी समिति में फिर हुआ घोटाला

-मनोज सारस्वत- अरांई। अरांई के समीप सांदोलिया ग्राम सेवा सहकारी समिति में एक बार फिर विवाद छिड गया। पूर्व में भी समिति के व्यवस्थापक द्वारा अध्यक्ष को पद से हटाने जेसे ज्वलन्त मुद्दों से समिति काफी समय तक चर्चा में रही थी। बुधवार को समिति में आयोजित बैठक में समिति के अध्यक्ष ने जिला कलेक्टर वैभव गालरिया, सहकारी समिति के प्रबन्ध निदेशक व रजिस्टार को को पत्र भेज कर मांग की है कि समिति के व्यवस्थापक द्वारा रिकार्ड का अवलोकन नहीं कराया जा रहा है। बैंक के उच्च अधिकारियो व ऋणपर्यवेक्षक की मनमर्जी से रिकार्ड में हेरफेर कर समिति के सदस्यों एवं उपभोक्ताओं की रकम को हडपने का प्रयास कर रहा है। सांदोलिया ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष भाग चन्द जाट पत्र में बताया कि बुधवार को पूर्व में प्रकाशित एजेण्डे के अनुसार बैठक का आयोजन किया गया जिसमें समिति के खाते में कई दिनों से पडे किसानों को कृषि अनुदान की राशि को वितरित करने पर चर्चा होनी थी। बैठक के शुरू होते ही कुछ ग्रामीण बैठक में आये और उन्होने नरेगा में उनके भुगतान को बकाया बताया। जबकि नरेगा के बकाया भुगतान की संचालक मण्डल को कोई जानकारी नहीं दी थी। इस पर व्यवस्थापक ने कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। इससे पूर्व में भी अध्यक्ष भागचन्द जाट ने व्यवस्थापक से समिति का रिकार्ड अवलोकनार्थ दिखाने का नोटिस दिया था परन्तु व्यवस्थापक द्वारा रिकार्ड दिखाने से इनकार करने से विवाद हो गया। बैठक में उपाध्यक्ष भंवर सिंह राठौड, सदस्य सांवर लाल रियाड, शिवराज अडसिवाल, शिवराज चुनिया, रामलाल चुनिया, घीसा लाल बैरवा सहित सदस्यों ने व्यवस्थापक से रिकार्ड दिखाने को कहा तो व्यवस्थापक बीच में बैठक छोड कर एवं रिकार्ड लेकर फरार हो गया। जबकि सदस्यों ने व्यवस्थापक को बैठक पूर्ण होने तक रूकने को कहा। सदस्यों ने बताया कि व्यवस्थापक की हठभर्मिता से समिति के कार्य प्रभावित हो रहे है। किसानों को कृषि अनुदान भी नहीं मिल रहा है।
समिति के रिकार्ड में है घपला-ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष भागचन्द जाट ने बताया कि समिति के रिकार्ड में लाखों रूपये का घोटाला है। इसलिए व्यवस्थापक रिकार्ड को अवलोकन कराने से कतरा रहा है। कमेटी ने आरोप लगाया कि समिति में लगे व्यवस्थापक की नियुक्ति भी अवैधानिक तरीके से की गई है। अरांई बैंक ने स्वंय के स्तर पर सांदोलिया व्यवस्थापक की प्रतिनियुक्ति कर नियमों की धज्जियां उडाई है। सांदोलिया मिनि बैंक हमेशा बन्द रहता है जिससे बैंक में लेन देन करने वालों को समस्याओं का सामना करना पड रहा है। इसके साथ ही मनरेगा के कई फ र्जी खाते भी खोले गए है। व्यवस्थापक की पूर्व में कई बार शिकायत की गई लेकिन विभाग के अधिकारियों की मिलिभगति के कारण व्यवस्थापक अपनी मनमर्जी करने पर उतरा हुआ है। इस मामले में गांव के लोगों में तनाव की स्थिति बनी है।
इनका कहना है- सांदोलिया ग्राम सेवा सहकारी समिति में लाखों रूपये का घोटाला है। उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से रिकार्ड की जांच कराई जावें। -भाग चन्द जाट, अध्यक्ष, सांदोलिया ग्राम सेवा सहकारी समिति

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