कुछ दिन पूर्व उत्तर भारत रीजन में सर्वश्रेष्ठ चैप्टर के अवार्ड से सम्मनित हुवे थे
ब्यावर। द इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (सीएमए) द्वारा रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में “राष्ट्रीय चैप्टर्स मीट” का आयोजन किया गया। जिसमे सम्पूर्ण भारत के 116 चैप्टर्स के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंतर्गत सीएमए भारत के अध्यक्ष अश्विन दलवाड़ी ने सीएमए हेतु भविष्य में आने वाली संभावनाओ के बारे में बताया और सेंट्रल कौंसिल के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागो से आये विभिन्न प्रतिनिधियों ने कॉस्ट अकाउंटेंटस् हेतु नव कार्यशेली और नए नए विविध नवाचारो हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए गये।
इसके पश्चात् विभिन्न चैप्टर्स द्वारा पिछले वर्षो में किये गये कार्यो, स्टूडेंट्स के लिए करियर कॉउंसलिंग, प्रोफेशन के विकास हेतु किये गये कार्यो के आधार पर बेस्ट चैप्टर अवार्ड प्रदान किया गया। इसी कड़ी में ब्यावर चैप्टर को राष्ट्रीय स्तर पर “डी” केटेगरी में बेस्ट चैप्टर का अवार्ड से सम्मानित किया गया। ब्यावर चैप्टर चेयरमैन सीएमए मितेश चोपडा, चैप्टर के पूर्व चेयरपर्सन सीएमए रुपेश कोठारी और सीएमए ज्योति माहेश्वरी ने अवार्ड प्राप्त किया। ज्ञातत्व रहे की इससे पूर्व भी उत्तर भारतीय रीजन में ब्यावर चैप्टर को अपनी नेतृत्व क्षमता और कार्यप्रणाली के कारण अपनी स्थापना के बाद से लगातार तीन बार प्रथम स्थान पर बेस्ट चैप्टर का अवार्ड मिल चुका है।
इस अवसर पर लागत लेखाकार संस्थान के केंद्रीय परिषद के सदस्य सीएमए एम.के.आनंद, उत्तर भारत रीजन के चेयरमैन सीएमए एस.एन.मित्तल, उत्तर भारत रीजन के वाइस चेयरमैन सीएमए राकेश यादव, सीएमए संतोष पंत आदि कई दिग्गज सदस्य उपस्थित थे।
ब्यावर चैप्टर को राष्ट्रीय अवार्ड मिलने पर सीएमए मनदीप सिंह, सीएमए मयंक पीपाड़ा, सीएमए गोविंद नौगजा, सीएमए प्रकाश कोठारी, सीएमए अंकुर सिंघल, सीएमए शुभम सांखला, सीएमए नवनीत मुनोत, सीएमए चिन्मय माहेश्वरी, सीएमए दिव्यांश चोपडा, सीएमए रवि भाटी, सीएमए चैनराज नाहर, सीएमए सुमित खींचा, सीएमए मेघा सोनी, सीएमए ऐश्वर्या जैन, सीएमए दीपा दरयानी, सीएमए दीपिका जैन, सीएमए गौरव बडोला, सीएमए यश जैन, सीएमए राकेश कुमावत आदि सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया।
सीएमए – एक अवसर
द इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की स्थापना भारतीय संसद द्वारा एक विशेष अधिनियम के अंतर्गत सन् 1959 में की गयी थी। लागत लेखो की ऑडिट करने के लिए पढ़ाई करने के पश्चात स्टूडेंट को आई.सी.डब्लू की डिग्री प्राप्त होती थी। उसके पश्चात अधिनियम में परिवर्तन करके इसे सीएमए के नाम से जाना जाने लगा और अब कॉस्ट के साथ मैनेजमेंट विषय में भी स्टूडेंट को तैयार किया जाता है जिससे उसे विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्राप्त होते है। वर्तमान में सीएमए की पढ़ाई करने पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों 15 लाख लगभग औसतन वेतन प्राप्त कर रहे है। ब्यावर से अभी तक लगभग 125 से अधिक सीएमए बन चुके है और 500 से अधिक स्टूडेंट सीएमए कोर्स की पढ़ाई कर रहे है।
CMA Rupesh Kothari
Past Chairperson
Beawar Chapter of ICMAI