सैनिक कवि उदय हुए नवरात्र साहित्य सम्मान २०२४ से सम्मानित

नवसंवत्सर यानी विक्रम संवत २०८१ के स्वागत के साथ चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है जिस पर अजमेर राजस्थान के गांव अराॅंई निवासी सैनिक कवि गणपत लाल उदय को डीडी भारती नेटवर्क (दिव्य दर्शन भारती) के सीईओ श्री विजय कुमार शर्मा द्वारा साहित्यिक गतिविधियों में निरंतर उत्कृष्ट योगदान देने के लिए नवरात्र साहित्य सम्मान २०२४ से सम्मानित किया है आए दिन सभी त्योंहारो, उत्सवों पर डीडी भारती पब्लिकेशन देश-प्रदेश के चुनिन्दा रचनाकारों की चुनिन्दा रचनाओं का साझा संकलन प्रकाशित करता-रहता है जो इस बार भी नवसंवत्सर नवरात्रि साझा संकलन प्रकाशित कर रहा है।
नवरात्रि का पर्व सम्पूर्ण भारत वर्ष के प्रमुख त्यौहारों/पर्वों में से एक है यह नारी शक्ति के आदर सम्मान का उत्सव भी कहलाता है। हर साल इन नवरात्रि के दिनों में माता रानी के नौ रूपों का पूजा एवं पाठ किया जाता है।
जिसमें पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी,
तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्माण्डा, पांचवी स्कंद माता, छठी कात्यायिनी, सातवी कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवी सिद्धिदात्री। हर दिन किसी एक रूप का खास महत्त्व होता है माता रानी ने यह नौ रूप अलग अलग समय आवश्यकतानुसार दैत्यो का सर्वनाश करने के लिए धारण किया था। जिसका उल्लेख हमको कई ग्रन्थो में पढ़ने को मिलता है। इस सम्पूर्ण सृष्टि की सत्ता माता रानी द्वारा ही संचालित है।
इन दिनो में माता रानी के रूपो की विशेष पूजा अर्चना की जाती है जगहो-जगहों पर इनकी मूर्तियां स्थापित की जाती है घरों-घरों माता की चौकी (मूर्ति) स्थापित की जाती है पांडाल सजाएं जाते है भण्डारे लगाए जाते है और रात्रि को जागरण/जगराता भजन कीर्तन किया जाता है साधक विभिन्न प्रकार के मंत्रो का पाठ एवं हवन आदि भी करते है नो कन्याओं को हलुआ-पूरी व दाल बनाकर खाना खिलाते है ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होती है और भक्तों को मनचाहा फल प्रदान करती है। नवरात्रि का पर्व साल में दो बार आता है इन दिनो में आने वाले नवरात्र को हम चैत्रीय नवरात्रा कहते है।

सैनिक की कलम
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
[email protected]

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