राजस्थान महिला कल्याण मंडल और दक्ष एंपावर एबिलिटी फाउंडेशन के द्वारा जन विकास समिति (JVS) वाराणसी एवं लिलियन फाउंडेशन के वैश्विक अभियान “We Ring the Bell” के तहत 15 से 30 मार्च 2025 तक समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संस्था मुख्य कार्यकारी एवं सचिव क्षमा आर कौशिक ने कार्यक्रम का उद्देश्य सांझा करते हुये कहा की इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को समान शिक्षा के अवसर प्रदान करने और समाज को उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील बनाने का था। यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा के अधिकार की वकालत करता है, बल्कि नीति-निर्माताओं और समाज को दिव्यांगजनों के प्रति अपनी सोच बदलने के लिए प्रेरित करता है। अभियान के दौरान विभिन्न विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों, शिक्षकों, स्थानीय प्रशासन और समुदाय को जोड़कर दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के अधिकार को लेकर जागरूकता फैलाई गई। संस्था निदेशक राकेश कुमार कौशिक ने जानकारी देते हुये बताया की यह कार्यक्रम 14 विद्यालयों और 4 आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित किया गया, जहां लगभग 2500 दिव्यांग एवं गैर दिव्यांग बच्चों ने समान रूप से भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने शिक्षा में भेदभाव मिटाने की शपथ ली और दिव्यांग बच्चों को समान अधिकार देने के संकल्प को दोहराया। ‘वी रिंग द बेल’ अभियान 2025 के सफल आयोजन ने यह साबित कर दिया कि जब समाज, शिक्षक, प्रशासन और समुदाय मिलकर काम करते हैं, तो दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए एक समावेशी और सुलभ वातावरण तैयार किया जा सकता है। CBR कार्यकर्ता देवा राम गुर्जर ने बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए घंटी, तालियां, सीटी बजाकर और गुब्बारे उड़ाकर जागरूकता बढ़ाने की गतिविधियाँ करवाईं। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और समुदाय के प्रतिनिधियों की भागीदारी रही। इस अभियान के तहत जोर दिया गया कि हर बच्चा, चाहे दिव्यांग हो या गैर दिव्यांग , उसे शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर मिलना चाहिए। इसके लिए स्कूलों में सुलभता, स्वीकार्यता और अनुकूलन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।