पालनहार योजना : योजना से अनाथ और बेसहारा बच्चों के जीवन में फैल रहा उजियारा

अजमेर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नर सेवा-नारायण सेवा की सोच एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री श्री अविनाश गहलोत की संवेदनशीलता से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित पालनहार योजना प्रदेश के बेसहारा और अनाथ बच्चों के जीवन में उजियारा फैलाने का काम कर रही है। राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 में 949.46 करोड़ रुपए खर्च कर 5 लाख 76 हजार 396 बच्चों को तथा वर्ष 2024-25 में 1110 करोड़ रुपए व्यय कर 6 लाख 15 हजार 98 बच्चों को योजना से लाभान्वित किया है।

     पालनहार योजना के अन्तर्गत समाज के ऎसे परिवारों के बच्चे जिनके माता-पिता नहीं रहे अर्थात अनाथ है एवं जो निर्धारित देख-रेख एवं संरक्षण की श्रेणी में आते हैं। ऎसे बच्चों के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति को निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक वातावरण में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रति बालक-बालिका प्रति माह 750 रूपये से 2500 रुपए तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत वर्ष 2025-26 के लिए 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

     इस योजना के तहत राज्य के अनाथ बालक-बालिका, न्यायिक आदेशों के तहत मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एचआईवी या एड्स पीड़ित माता या पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता या पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता या पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता या पिता के बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।

     योजना के तहत अनाथ श्रेणी के 0-6 आयु वर्ग के बच्चों को 1500 रूपये तथा 6-18 आयु वर्ग तक के बच्चों को राशि 2500 प्रतिमाह (आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना अनिवार्य) दिया जाता है। इसके अलावा अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 0-6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को 750 रुपये प्रतिमाह तथा 6-18 वर्ष की आयु के बच्चे को 1500 रुपए प्रतिमाह (आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना अनिवार्य) दिए जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा इन बच्चों को वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि हेतु 2000 रुपये वार्षिक अतिरिक्त एकमुश्त देय (विधवा पालनहार व नाता पालनहार व नाता पालनहार में देय नहीं) हैं। इसमें पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और बच्चे की अधिकतम आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। आवेदन की तिथि से कम से कम 3 वर्ष की अवधि से राजस्थान राज्य में रह रहे हों। उल्लेखनीय है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं पालनहार योजनान्तर्गत लाभार्थियों को पेंशन एवं पालनहार की राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित की जाती है।

 

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