वर्ष 2025 की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

वर्ष 2025 की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

लोक अदालत की भावना से फिर जुड़े परिवारबच्चों को मिला माता- पिता का दुलार

राष्ट्रीय लोक अदालत सस्तासुलभ व शीघ्र न्याय का माध्यम

453758 मामलों का हुआ निस्तारण, 219387598/- रुपए के हुए अवार्ड पारित

अजमेर 10 मई। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार दिनांक 10.05.2025 को वर्ष 2025 की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। लोक अदालत की भावना से बढ़ी संख्या में वादी व परिवादीगण ने अपने मसलों पर सहमति जताते हुए सुलह की व वर्षो से चल रहे विवाद एवं मानसिक व आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पायी। द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन का शुभारंभ आज प्रातः 10:00 बजे दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्ज्वलित कार्यक्रम मे श्रीमान् महावीर प्रसाद गुप्ता, न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय संख्या 01, अजमेर, श्रीमान महेन्द्र कुमार ढ़ाबी, न्यायाधीश, मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम अजमेर, श्री कृष्ण मुरारी जिन्दल, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर, श्री संजय सिंह एलडीएम तथा अन्य अधिकारीगण एवं अधिवक्तागण उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्राधिकरण सचिव श्री कृष्ण मुरारी जिन्दल ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के क्रम में मार्च माह से ही तैयारिया शुरू कर दी गई थी। श्रीमती संगीता शर्मा, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,(जिला एवं सेशन न्यायाधीश) अजमेर एवं श्री कृष्ण मुरारी जिन्दल, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) अजमेर की अध्यक्षता में अजमेर न्यायक्षेत्र के विभिन्न न्यायिक अधिकारीगण के साथ बैठक आयोजित की जाकर लम्बित प्रकरणों के राजीनामे की भावना से निस्तारण हेतु समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। सचिव द्वारा अजमेर न्यायक्षेत्र की विभिन्न बार काउंसिल के अधिवक्तागण के साथ चर्चा की गई व उन्हें अधिकाधिक प्रकरणों के निस्तारण हेतु प्रेरित किया गया। उन्होंने अधिवक्तागण को पक्षकारों को लोक अदालत की भावना के अनुरूप राजीनामे से प्रकरणों के निस्तारण करवाने के आवश्यक निर्देश दिये ताकि पक्षकारान को शीघ्र न्याय प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त राजस्व प्रकरण, प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को अधिक से अधिक राष्ट्रीय लोक अदालत में रखने हेतु विभिन्न विभागो के नोडल अधिकारी, बैंक एवं निजी वित्तीय संस्थान के साथ समय-समय पर बैठक की गई। उक्त सभी प्रयासो के फलस्वरूप ही वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन संभव हो सका है।

राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल अयोजन के लिए अजमेर मुख्यालय पर 10 बेंचो का गठन किया गया (न्यायालयों के लिए 6 बेंच, राजस्व मंडल अजमेर के लिए 1 बेंच, राजस्व प्रकरणों के लिए एक बेंच, तथा स्थाई लोक अदालत एवं जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग द्वारा चिन्हित किए गए प्रकरणों के लिए एक बेंच, प्री लिटिगेशन प्रकरणों के लिए बेंच) गठित की गई है। ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, केकड़ी, तालुका पर दो दो बेंच जिनमें एक न्यायालयों द्वारा चिन्हित किए गए प्रकरणों के लिए तथा एक बेंच राजस्व प्रकरणों के लिए गठित की गई। सरवाड़, विजयनगर, पुष्कर, मसूदा के लिए एक -एक बेंच गठित की गई। इस प्रकार कुल 22 बैंच गठित की गई है। इस प्रकार कुल 22 बेंचों का गठन किया जाकर प्रकरणो के अधिकाधिक निस्तारण का प्रयास किया गया।  प्रत्येक बेंच में न्यायिक प्रकरणों के लिए गठित की गई बेंच में एक पैनल अधिवक्ता को सदस्य बनाया गया तथा राजस्व प्रकरणों के लिए गठित की गई बेंच में सेवारत राजस्व अधिकारी को सदस्य बनाया गया। मुख्यालय पर स्थित समस्त पैरा लीगल वोलेंटियर्स की ड्यूटी लोक अदालत के प्रचार प्रसार एवं हेल्प डेस्क पर लगाई गई।

उक्त के अतिरिक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार के क्रम में विभाग के पैरा लीगल वोलेंटियर्स द्वारा आयोजित किये जाने वाले विधिक जागरूकता शिविरों के माध्यम से पैम्पलेट वितरित किए गए, विभिन्न दर्शनीय स्थानों पर पोस्टर लगवाए गए एवं आम जन को लोक अदालत का महत्व एवं लाभों की जानकारी दी। इसी क्रम में मोबाइल वैन के द्वारा विभिन्न गांवों एवं शहरी क्षेत्र के इलाकों में विधिक जागरूकता दी गई।

अजमेर न्याय क्षेत्र में लम्बित 1 लाख से 2 लाख रू तक की राशि के एन. आई एक्ट के समस्त लम्बित प्रकरणों में पक्षकारान को प्री काउंसलिंग हेतु नोटिस जारी किए गए तथा निरन्तर प्री काउंसलिंग आयोजित की गई।

इसी के साथ वाणिज्यिक न्यायालय में कुल 35 प्रकरणों को चिन्हित किया गया जिसमें से 10 प्रकरणों का निस्तारण गया तथा जिसमें 13419971/-रू की राशि का अवार्ड पारित किया गया।

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में 940 प्रकरणों को चिन्हित किया गया जिसमें से 71 प्रकरण का निस्तारण गया तथा जिसमें 29486000/- की राशि का अवार्ड पारित किया गया।

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर के निर्देशानुसार अजमेर न्यायक्षेत्र की विभिन्न न्यायालयों में प्री लिटिगेशन से संबंधित धन वसूली के सभी प्रकार के विवाद से सम्बन्धित 456106 मामले रखे गए जिनमें से 434806 मामलों का निस्तारण हुए व कुल 25813605 रुपए की अवार्ड राशि दी गई।

धारा 138 एन.आई. एक्ट से सम्बन्धित कुल 6346 मामले रखे गए जिनमें से 439 मामले निस्तारित हुए एवं कुल 122571356/- रुपए की अवार्ड राशि दी गई।

इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 487120 मामले रखे गए जिनमें से 453758 मामलों का निस्तारण हुआ और 219387598/- रुपए की अवार्ड राशि हुई पारित।

सफल कहानी

न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय सं. 01, अजमेर

राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 10.05.2025

(1) श्रीमती तृप्ति (बदला हुआ नाम) एवं श्री यश (बदला हुआ नाम) इस प्रकरण में दोनों पक्षकारान का विवाह माह फरवरी, 2016 में सम्पन्न हुआ था। उनके विवाह संबंधों से एक पुत्री का जन्म हुआ। विवाह के कुछ माह बाद ही प्रार्थीगण के आपस में विचार नहीं मिलने से वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो गया तथा प्रार्थीगण के बीच छोटी-छोटी बातों पर अनबन होने लग गई। इन वैचारिक मतभेदों के चलते प्रार्थीगण के मध्य मनमुटाव कायम हो गया व दोनों प्रार्थीगण के बीच आपस में वैचारिक मतभेद इतने अत्यधिक बढ़ गये कि दोनों का एक साथ रहकर पति-पत्नी के रूप में रहना संभव नहीं रहा। प्रार्थीगण को तलब किया गया तथा उसके न्यायालय में उपस्थित आने पर दोनों पक्षों को न्यायाधीश महोदय श्री महावीर प्रसाद गुप्ता द्वारा समझाया गया कि विवादों को भुलाकर राजीखुशी साथ-साथ रहे। न्यायाधीश महोदय द्वारा समझाईश किए जाने पर दोनो पक्षों में लोक अदालत की भावना से राजीनामा हुआ और वे वर्तमान में एक-दूसरे के साथ बतौर पति-पत्नी राजीखुशी रह रहे है, जिससे उनका नवविवाहित जीवन बच गया। लोक अदालत के माध्यम से विवादों का निपटारा होने पर अब पक्षकारान सुखमय वैवाहिक जीवन व्यतीत कर सकेंगे।

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