अनुसंधान का लाभ पशु धन तक पहुंचें-किरण सोनी गुप्ता

PASHUPALAN VARDAAN 02अजमेर। संभागीय आयुक्त श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने पशु चिकित्सकों का आव्हान किया कि वे पशुपालन व चिकित्सा क्षेत्रों में हो रहे अनुसंधान का लाभ ग्रामीण क्षेत्र में पशुधन तक पहुंचायें जिससे पशु बीमारियों से बच सकें और पशुपालकों में पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए जागृति आ सकें।
श्रीमती गुप्ता सूचना केन्द्र सभागार में पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय पशुपालन व पशु रोग निदान विषय की संभाग स्तरीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रही थी। उन्होंने कहा कि अनुसंधान का कार्य प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नही रहे उसका लाभ पशु पालकों तक पहुंचाना ही लक्ष्य होना चाहिए। संभागीय आयुक्त ने कहा कि राज्य सरकार ने पशुओं को भी निशुल्क दवा वितरण प्रारम्भ कर दिया है और सभी राजकीय चिकित्सालयों में पशुओं की निशुल्क चिकित्सा व दवा वितरण हो रहा है। दवा की कोई कमी नही है । राजस्थान में देश का सर्वाधिक पशुधन है जो ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का प्रमुख आर्थिक आधार है। कई मायने में पशुपालन कृषि से अधिक प्रभावी आर्थिक संसाधन है। हमें इस सम्पदा को संरक्षित और स्वस्थ्य रखने के पूरे प्रयास करने होंगे। राज्य सरकार द्वारा चलाये गये प्रशासन गांव के संग अभियान में भी पशुपालकों की अनेक समस्याओं का निराकरण मौके पर ही किया गया। अजमेर संभाग में 1114 शिविर आयोजित हुए। अनेक स्थानों पर पशु चिकित्सक शिविर भी लगाये गये जहां पशु की चिकित्सा और उनका टीकाकरण किया गया। उन्होंने चिकित्सकों का आव्हान किया कि कई बार पशुओं में एकदम बीमारी फैलने की घटनाएं सामने आती है उस वक्त सभी को युद्घ स्तर पर कार्य करके पशुधन को बीमारियों से बचाने के लिए कार्य करना चाहिए। आपस में समन्वय रख कर पशुपालकों को बेहतर चिकित्सा व सुविधाएं उपलब्ध करायें।
PASHUPALAN VARDAAN 01संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक श्री जी.एन.माथुर ने पशुपालन के लिए नवीनतम तकनीकी अपनाने के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालकों के सम्मुख पशुओं के रखरखाव की चुनौती है। इस देश में सर्वाधिक दूध का उत्पादन भी हो रहा है परन्तु वर्तमान आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हमे अगले 8-10 वर्षों में दूध के उत्पादन को दुगना करना होगा। उन्होंने कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हुए नवीनतम अनुसंधानों की जानकारी दी।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.प्रभुदयाल ने संगोष्ठी के बारे में बताया कि राजस्थान की मरूस्थलीय और कृषि के लिये कम उपयुक्त पर्यावरणीय परिस्थितियों में पशुपालन वरदान के समान है। पशुओं की उपयोगिता बढ़ाने और पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले जूनोटिक रोगों जैसे बर्ड फ्लू, रेबीज तथा अन्य पशु रोगों की रोकथाम हेतु केन्द्रीय प्रवर्तित योजना एस्केड के अन्तर्गत यह संगोष्ठी आयोजित की जा रही है जिसमें संभाग के लगभग 70 पशु चिकित्सक भाग ले रहे हं। संगोष्ठी में विशिष्ठ अतिथि पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट ऑफ वेटिरिनरी एज्यूकेशन के वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर वी.के.महरोत्रा थे। उप निदेशक डॉ. रोशनलाल देव ने उद्घाटन सत्र में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

 

1 thought on “अनुसंधान का लाभ पशु धन तक पहुंचें-किरण सोनी गुप्ता”

  1. smt.Kiran soni gupta is really very active DC of ajmer.no doubt ajmer will get more during her posting in ajmer.even people should honoured her for steps taken by DC for the development of the division.

Comments are closed.

error: Content is protected !!