कांग्रेस के कुराज का अजमेर सबसे बड़ा उदाहरण-धर्मेश जैन

dharmesh jain naren shahni 02अजमेर। नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन ने कहा है कि अजमेर कांग्रेस के कुराज का सबसे बड़ा उदाहरण है। वे यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अजमेर का भ्रष्ट पुलिस बेड़े ने पूरे देश में अजमेर को शर्मसार किया है। पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा, अतिरिक्त ुपुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल सहित दो दर्जन थानेदारों के मंथली प्रकरण में फंसने से यह स्थापित हो गया है कि कांग्रेस के राज में कानून व्यवस्था कितनी लचर और भ्रष्ट है। इसी प्रकार इनसे पूर्व भी एक आईपीएस अजय सिंह के रिश्वत मामले में पकड़े जा चुके हैं। इनके अतिरिक्त माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के वित्तीय सलाहकार के आय से अधिक संपत्ति के मामले में उजागर हुआ है कि कांग्रेस के राज में किस प्रकार हजारों छात्रों के शुल्क का गबन किया गया है। इतना ही नहीं न्यायालयों में लिपिक भर्ती परीक्षा मामले में रिश्वतखोरी से तो न्यायिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार तक उजागर हुआ है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में अजमेर नगर सुधार ने तो भ्रष्टाचार के रिकार्ड ही तोड़ दिए हैं। एक अनुमान के मुताबिक नियमन सहित अन्य मामलों में एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें राज्य सरकार में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल तक लिप्त हैं। उन्हीं की शह पर यहां जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विकास का दावा इसी बात से झूठा साबित हो जाता है कि उनके कार्यकाल में विकास के जो कार्य शुरू किए गए, उन्हें कांग्रेस राज में ठप्प कर दिया गया है। इस सिलसिले में उन्होंने गौरव पथ, विवेकानंद स्मारक, महाराणा प्रताप स्मारक, सांझी छत आदि का उदाहरण दिया। न्यास की रुचि विकास में है ही नहीं। वह तो शहर को बेच खाने में व्यस्त है। पूर्व अध्यक्ष और एक नागरिक होने के नाते उन्हें बेहद अफसोस होता है कि जिस संस्था को विकास के काम करवाने चाहिए, वही लूट में लगी हुई है। उन्होंने सवाल किया कि शहर का मास्टर प्लान नए सिरे से बनाने की जरूरत ही क्या है? स्पष्ट है कि यह काले कारनामों पर लीपापोती करने और चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि निशुल्क दवा का ढि़ढ़ोरा पीटने वाली कांग्रेस सरकार को ख्याल ही नहीं है कि अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के क्या हालात हैं। मरीजों का धक्के खाने के बाद भी पूरी दवाई नहीं मिलती। यहां न तो पूरा चिकित्सकीय स्टाफ है और न ही संसाधन। उपलब्ध साधनों का भी ठीक से रखरखाव नहीं किया जाता। इस कारण संभाग के सबसे बड़े इस अस्पताल में मरीजों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके विपरीत भाजपा राज में यहां कई विभागों का विकास किया गया।

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