अजमेर। कल की अबला कही जाने वाली नारी आज दुर्गा का रूप बन चुकी है आज के मौजूदा हालात में ये जरूरी भी है जिस तरह से आज समाज में नारी को भोग की वस्तु मान कर व्यवहार किया जा रहा है। उसी नारी ने योग को धारण कर अपने आपको फौलाद बना लिया है। आज हम आपको दिखाने जा रहे नारी का दूसरा रूप जिसमे नारी ने हाथो में चुडियां नहीं हाथो में लाठी भाला और तलवार ले ली है ये है वो वीरांगनाए जिन्होंने आज अपने हाथो में तलवार और लाठी थाम कर ये कसम ली है जो भी समाज कंटक नारी को अबला समझ कर अत्याचार या फिर बुरी नजर डालेगा अब उसकी खैर नहीं है।
अजमेर में हर साल इसी तरह विरंगनाओ को प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के गुर सिखाये जाते है। आप खुद ही देखिये आज की नारी किस तरह से हाथो में तलवार लेकर दुश्मनो से लड़ने के लिए तैयार हो रही है। ऋषि उद्यान में हर साल गर्मियों की छुट्टी में पूरे देशभर से आई लडकियों को इसी तरह से आत्म रक्षा और आत्मनिर्भर बनाये जाने के लिए इस शिविर लगाया जाता है।