केदारनाथ से लौटे अजमेर के परिवार

uttrakhand se aaye yatri 01uttrakhand se aaye yatri 02kedarnath yatri lote 01kedarnath yatri lote 02अजमेर। उत्तराखंड के केदारनाथ, बद्रीनाथ, गौरीकुंड और आसपास के इलाको में आई भीषण प्राकृतिक आपदा में जहां कई जिन्दगियां मौत की आगोश में चली गयीं, वहीं कई परिवार बिखर गये और कई सैनिक शहीद हो गये। आज 11 दिन बाद भी घाटी में जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त है। इन सबके बीच कुछ खुशनसीब परिवार भी है जो अपनी आंखो से इस ज़लज़ले केा देखकर सकुशल वापस लौटे। आर्दश नगर बालूपुरा रोड के भडाना दंपत्ति भी उनमे से एक है जो 5 दिन उस प्राकृतिक आपदा के गवाह बने और जैसे तैसे देहरादून से अजमेर लौटे। सोहन लाल भडाना और उनकी पत्नी सरजू देवी भडाना नेे स्वामी न्यूज़ केा अपनी दास्तांन सूनाते हुए बताया कि 13 जून की रात वे चारधाम की यात्रा के लिए निकले थे प्राइवेट बस से 27 यात्री इस सफर में उनके हमसफर थे 16 जून की रात जब श्रीनगर के गढ़वाल क्षेत्र में पहुंचे तेा मूसलाधार बारिश की वजह से सारे रास्ते जाम हो गये। जिसके चलते ये लोग केदारनाथ और बद्रीनाथ नही जा पाये लेकिन गढ़वाल में ही इन्हेाने प्राकृतिक आपदा का भयावह रूप देख लिया। बादल फटने और पहाड गिरने से कई मौते हो गयीं, कई लोग पानी में बह गये। इन्होनें अपनी आंखो से पानी में गाडीयां और सिलेंडर बहते देखे। भडाना दंपत्ति ने सकुशल अजमेर लौटने पर भगवान का शुक्राना अदा करते हुए कहा कि ऐसा विनाशक रूप भगवान किसी को न दिखाये।
वहीं रामनगर से 35 श्रद्धालूओ का केदारनाथ दर्शन केा गया जत्था 10 दिन की प्राकृतिक आपदा का गवाह बन कर बुधवार को हरिद्वार से टेªन द्वारा अजमेर पहुंचा। अजमेर रेल्वे स्टेशन पर अपने परिजनो से मिलने की खुशी इन तीर्थ यात्रियों के चहरे से साफ झलक रही थी। अपने परिजनो और रिश्तेदारो केा अपनी आंखो के सामने जिन्दा और सकुशल देखकर परिजन भी फूले नही समां रहे थे। इस सबके लिए सिर्फ परमात्मा का शुक्रिया अदा करने के सिवा उनके पास कुछ और नही था। इन तीर्थयात्रियो ने बताया कि हरिद्वार से इन्होंने लगभग 98 हजार रू में चारधाम यात्रा के लिए बस तय की थी। गंगोत्री पहुंचने पर आयी भीषण आपदा ने इन्हें केदारनाथ जाने से रोक दिया। वहीं बसवाला भी इन्हें छोड़ कर चला गया। जैसेतैसे टूंडा गांव में इन्होंने खौफ के साये में 5 दिन गुजारे। अब उस मंजर को ये याद करना भी नही चाहते।
इस तीर्थयात्रा में रामनगर, पंचोली चौराहा, नृसिगंपुरा, ब्लॉसम स्कूल के आसपास रहने वाले मोहन सिंह निर्वाण, मानसिंह निर्वाण, सुनिता निर्वाण, मुन्ना लाल भाटी, निर्माला भाटी, जगदीश सैनी, शीला सैनी, पुरूषोत्तम सारस्वत, लता सारस्वत सहित 40 परिवार सकुशल अजमेर लौट आये।

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