अरांई के वनों की सुरक्षा के लिए गुप्त कमेटियां गठित

arain-मनोज सारस्वत– अरांई। अरांई वननाका क्षेत्र में गार्डो की संख्या में कमी के कारण नाका क्षेत्र की सुरक्षा में परेशानी का सामना करना पड रहा है। अरांई वननाका में आठ बीड होनें के बावजूद 4 वन रक्षकों और 2 पशुरक्षक के पद है। प्रत्येक गार्डो को दो दो बीड क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा होने से पूर्ण सुरुक्षा व्यवस्था में दिक्कतों का सामना करना पडता है। वनपाल प्रभारी प्रमोद सिंह ने सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक गांव में गुप्त क मेठी गठित कर अवैध चराई व कटाई पर रोक लगाने का बीडा उठाया है। उन्होनें बताया कि कर्मचारियों की कमी के कारण बीडों की दुरी ज्यादा होने से इनकी निगरानी करना विभाग के लिए सरदर्द बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अरांई नाका में भामोलाव,डांगडा, गुडरणिया, सिरोंज, जौधाला, माला, नौलखा एवं मियावली बीड मौजूद है। उक्तों बीडों की सुरक्षा के विभाग के पास मात्र चार वन रक्षक है। बीडों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा एवं विकास के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है परन्तु वन रक्षकों के कमी से ग्रामीण चोरी छिपे बीडों से अवैध कटाई एवं चराई कर लेते है जिससे बीडों का सम्पूर्ण विकास नही हो पा रहा है। अरांई पंचायत समिति मुख्यालय पर स्थितों बीडों के विकास के लिए वननाका ने ग्रामीणों की गुप्त कमेठियों गठित की है। साथ ही प्रभारी ने सभी कर्मचारियों को लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए है। वननाका प्रभारी प्रमोद सिंह नरूका ने बताया कि वनों की सुरक्षा की दृष्टि से सरकार प्रयत्नशील है। राज्य सरकार ने वन अधिनियम 1953 की धारा 26 के तहत अवैध कटाई एवं अवैध चराई पर 25 हजार रूपये तक का जुर्माना करने का प्रावधान तैयार किया है। उक्त अधिनियत 1 जुलाई से 30 नवम्बर तक लागू रहेगा। उक्त अवधि में सरकारी बीडों में चराई एवं कटाई करना पूर्ण वर्जित रहेगा। अवैध कटाई एवं चराई पर पुर्ण प्रतिबन्ध है। उक्त नियम में दोषी पाये जाने पर जुर्माना या जेल का प्रावधान है। नियमो का उलघन कर वनों को नुकसान पहुंचाने पर किसी को बख्सा नही जाएगा।
बकाया पदोन्नति को लेकर शिक्षकों में रोष
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत उपशाखा अरंाई की बैठक रविवार को आयोजित हुई। बैठक में सोमवार सुबह विज्ञान, गणित, अग्रेंजी, आदि विषयों की बकाया चल रही पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर उपनिदेशक कार्यालय का घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव लिया गया। अध्यक्ष लादूराम जाट ने बताया कि पदोंन्नति की प्रक्रिया में सरकार लापरवाही बरत रही है। इस कारण ग्रामीण परिवेश के बच्चों को शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षा ग्रहण करनी पड रही है। इसका सीधा प्रभाव बच्चों के शैक्षणिक स्तर पर पड रहा है। ओमप्रकाश मेघवंशी, भागचन्द जाट, प्रेमचन्द चौधरी, हजारी लाल शर्मा, जगदीश पालीवाल, कै लाश शर्मा सहित शिक्षक संघ के सभी सदस्यों में रोष व्याप्त है।

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