चोयल स्कूल ऑफ मिलिंग टेक्नालॉजी का शुभारंभ

DSC_0414DSC_0442चोयल स्कूल ऑफ मिलिंग टेक्नोलोजी अजमेर में उद्यमिता फ्लोर मिलिंग कोर्स का प्रथम बैच सेंटर फॉर इंटरपर्नशिप एंड स्माल बिजनिस मैनेजमेंट शाखा महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के सयुक्त तत्वाधान में आज शनिवार को प्रारंभ होने जा रहा हैं आज दोपहर 2 बजे कोर्स का उदघाटन समारोह अर्जुनपुरा स्थित प्रागंण में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि श्री रूपसिंह बारोठ., वाईस चांसलर एम.डी.एस विश्वविद्यालय तथा विशिष्ठ अतिथि श्री बी.पी. सारस्वत डायरेक्टर थं। श्री विष्वकर्मा एमरी स्टोन इ. प्रा लि के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीगोपाल शर्मा द्वारा अतिथियों का माल्यपर्ण कर स्वागत किया गया। समारोह में प्रथम बैच के उदघाटन के साथ ही प्रयोगशाला और आटा चक्की प्लांट का भी उदघाटन किया गया।
आज प्रारंभ हुये कोर्स के अतिरिक्त में फ्लोर मिलिंग, मिल ऑपरेटर, मिलिंग मैनेजमेंट एवं एडवांस मिलिंग के सर्टीफीकेट व डिप्लोमा कोर्स की जानकारी दी गई।
राजस्थान के लिये यह बडे ही गर्व की बात है कि इस प्रकार के पाठयक्रम का आयोजन भारत में प्रथम बार किया जा रहा है । चोयल स्कूल अफ मिलिंग टेक्नालाजी के निदेषक श्री आर.एस. चोयल ने पाठयक्रम के बारे में बताया कि इस रोजगारन्मुख कार्यक्रम मे भाग लेकर विद्यार्थी फ्लोर मिलिंग इन्डस्ट्रीज के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते है एंव इसमें सरकार द्वारा देय सब्सिडी का लाभ उठ कर विद्यार्थी स्वंय का उद्योग प्रारम्भ कर सकता है एंव इस क्षेत्र से सम्बधित रोजगार भी प्राप्त कर सकता है। संस्था का उददेष्य लाभार्जन न होकर विद्यार्थीयों का हित सर्वौपरि है ।
संस्था के श्रीगोपाल शर्मा ने कहा कि यह संस्था समाजहित में अपने स्वर्गीय पिताश्री श्री रामदेव चोयल को समर्पित किया है ।
महर्षि दयानन्द सरस्वती विष्वविद्यालय से पधारे कुलपति मुख्य अतिथि श्री रुपसिंह बारेठ ने कहा कि इस पाठयक्रम के माध्यम से ग्रामीण विद्यार्थीर्यो को रोजगार मिलेगा वे स्वंय अपना व्यवसाय प्रारभ्म कर सकेगे तथा अन्य लोगो को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेगे । उन्होने बताया कि यह संस्था के द्वारा विद्यार्थीयों को व्यावहारिक व तकनीकी ज्ञान के लिये उपलब्ध कराया गया 40 टन प्रति दिन आटा प्लांट प्रयोगषाला अपने आप में एक मिसाल है।
श्री बी.पी.सारस्वत डायरेक्टर ने बताया कि पिछले दस वर्षो से महर्षि दयानन्द सरस्वती विष्वविद्यालय के अन्तर्गत कार्यरत है इसके द्वारा अब तक 28 पाठयक्रम क्रियान्वित किये जा चुके है फ्लोर मिलिंग पर आधारित यह प्रथम पाठयक्रम है उन्होने बताया कि उद्यामिता के द्वारा अपने क्षेत्र मे नये आयाम स्थापित किये जा सकते है । उन्होने विष्वास व्यक्त किया कि पाठयक्रम से रोजगार प्राप्त कर सकेगा।

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