रोड मेप फार हायर एजूकेशन इन राजस्थान सम्बन्धी सम्मेलन सम्पन्न

z1z2z3z4बान्द्रा सिंदरी  (किशनगढ़) । ‘‘ रोड मेप फार हायर एजूकेशन इन राजस्थान’’ तैयार करने के लिए पूरे देश से उच्च शिक्षा क्षेत्र से जुडे शिक्षाविदों ने पुष्कर में दो दिवसीय मंत्रणा शुरू करके आज बान्द्रा सुन्दरी स्थित राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन सम्पन्न किया।
राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद ‘‘पुष्कर डिकलेरेशन’’ नाम से घोषणा पत्र को अन्तिम रूप नहीं दिया जा सका। सर्व सम्मति से तय किया गया कि सम्मेलन के दौरान दिये गये सुझावों की क्रियान्विती व रोड मेप तैयार करने के लिए और चिन्तन किया जाना चाहिये। इसी आधार पर राजस्थान प्लानिंग बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रोफेसर विजयशंकर व्यास, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफेसर गोर्वधन मेहता, शिक्षा कार्य समूह के अध्यक्ष डॉ. अशोक बापना, केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम.एम. सांलूखे व कई सरकारी एवं गैर सरकारी विश्वविद्यालयों के उपकुलपतियों एवं राजस्थान सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रमुख शासन सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में सम्पन्न सम्मेलन में 14 सूत्रीय उभरे प्रश्नों पर आगे कार्यवाही करके अन्तिम रूप से सिफारिशों का मसौदा तैयार किया जायेगा। तद्उपरान्त सरकार को प्रेषित किया जायेगा।
सम्मेलन के दौरान चर्चाओं के आधार पर मनीपाल विश्वविद्यालय जयपुर के प्रोफेसर संदीप संचेती ने उभरे कार्य बिन्दुओं को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान में ‘‘अन्डर ग्रेजुएट’’ डिग्री की पूर्व संरचना और नये सिरे से बनाया जाना चाहिये। (रिस्ट्रचरिंग या री क्राफ्टिंग) सम्मेलन में चर्चा के 14 सूत्रीय सारांश के रूप में विश्वास व्यक्त किया गया कि आने वाले 10 सालों में राजस्थान को उच्च शिक्षा क्षेत्र राष्ट्रीय परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया जायेगा। लघु एवं वृहद अवधि में छोटे छोटे लक्ष्य निर्धारित किये जायें जिसमें प्रत्येक 5 साल में पुर्नवालोकन होनी चाहिये। उच्च शिक्षा संस्थाओं काी ‘‘ओटोनोमी’’ (स्वायत्ता) को जवाबदेही से जोड़ा जाना चाहिये। पूरे ढाचे को जवाबदेही बनाना चाहिये।
सकल नामांकन अनुपात (ग्रास एलरोलमेन्ट रेशो) को गुणवत्ता के साथ जोड़ा जाना चाहिये। उच्च शिक्षा में छात्र लक्षित अनुपात होना चाहिये। अगले दो सालों में दो प्रतिष्ठित एवं आदर्श संस्थाओं को रोल मॉडल की तरह स्थापित किया जाना चाहिये।
सम्मेलन में इस पर चर्चा हुई की राज्य में उच्च अधिकार प्राप्त उच्च शिक्षा परिषद् का गठन किया जाये। सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
उच्च शिक्षा में नेतृत्व व सुशासन का समावेश होना चाहिये। सम्मेलन के समापन समारेाह में प्रो. गोवर्धन मेहता, टी.वी. मोहनदास पाई, प्रो. जनत शाह, प्रो. आर.पी. यादव, प्रो. बी.के. शर्मा, प्रो. एम.एम. सालुखे, प्रो. संदीप संचेती, प्रो. योगेश अटल, प्रो. एम.एम. शर्मा, प्रोफेसर के.वी. कोठारी आदि ने विस्तार से चर्चा में भाग लिया। प्रो. वी.एस. व्यास ने इस समापन समारेाह की। अध्यक्षता की डॉ. अशोक बापना ने बताया कि शीघ्र ही इस सम्मेलन में उभरे सुझावों का समावेश कर उच्च स्तर के शिक्षाविदों को पुनः एकत्रित करके विचार करके अन्तिम प्रारूप तैयार किया जायेगा। इस सम्मेलन में कार्यवाही का संचालन राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय की जनसम्पर्क अधिकारी सुश्री अनुराधा मित्तल ने किया।
-कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार

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