अजमेर। गणेश चतुर्थी के साथ सजृन किये गये प्रथम पुज्य देवादी देव गणेश का 11 दिन पूजन करने के बाद भरे मन से भक्तो ने उन्हें विदाई दी। अजमेर में सुभाष उद्यान में बुधवार को गणेश प्रतिमाओ का विसर्जन कर दिया गया। ग्यारह दिनो तक प्रथम पूज्य गणनायक श्री गणेश के शहर भर में अनेक स्थानो पर चल रहे उत्सवो का अंनत चतुर्दशी पर बुधवार को समापन हो गया। भगवान गणेश की आराधना में लीन भक्तो ने भारी मन के साथ गुलाल की बोछार और डीजे की धुन पर अगले बरस तू जल्दी के आ के नारेा के साथ नाचते गाते गणेश को विदाई दी। दौलत बाग में बनाये गये अस्थायी कुण्ड में जगह जगह से लाई गई गणेश मूर्तियों को श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाते हुए विसर्जित किया। शहर के कई इलाके से आ रही गणपति विसर्जन की शोभायात्राओ से जहां शहर की सड़के लाल गुलाल हो गयी। वहीं जगह- जगह जाम के हालात से शहरवासी परेशान होते रहे।
स्वामी कॉम्पलेक्स में विराजित किए गए गजानन्द को स्वामी समूह और व्यापारिक बंधुओं ने ढोल बाजे और डीजे की धुन पर नाचते गाते विदाई दी और अगले बरस आने का आमंत्रण दिया। आईये चलते हैं नगर निगम की ओर से दौलत बाग में मूर्ति विसर्जन के लिए बनवाए गए कुण्ड की ओर और देखते है मूर्ति विर्सजन का नजारा।
लम्बोदर राजा गणपति महोत्सव द्वारा जीनगर भवन कायस्थ मौहल्ला में मनाए गए गणपति महोत्सव में रथयात्रा के साथ गणपति को विसर्जीत किया गया। बैंड बाजो की धुनो के बीच नाचते गाते गणेश भक्तो ने अपने प्रिय गजानन्द को विदाई दी।
नसीया जी के सामने हर साल की तरह इस साल भी गणेश विसर्जन करने वाले श्रृद्धालुओ के स्वागत के लिए बजंरग दल और विश्व हिन्दू परिषद की और से पांडाल लगाया गया। जहां गणेश भक्तो का पुष्प वर्षा से स्वागत करते हुए पोहे का प्रसाद वितरित किया गया।
गड़ी मालियान बालाजी मंदिर पर भाद्रपक्ष शुक्लपक्ष की त्रियोदशी पर मेला भरा। आसपास के श्रद्धालूओं ने रामभक्त हनुमान के मंदिर में नारियल, मेवा मिष्ठान और फूलमाला चढाकर मनोतियां मांगी। वहीं मेला स्थल पर लगी चाटपकौडी और खेलखिलौनो की अस्थाई दुकानो पर भक्तो ने जमकर खरीददारी की और चटखारे लगाये। बच्चो और युवतियांे ने चरखी झूलेा में हिंडोले खाये।