राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़े का समापन

aaaaaaaaaaबांदरसिंदरी। राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में 13 से 27 सितम्बर तक मनाए जा रहे हिन्दी पखवाड़े का समापन शुक्रवार 27 सितम्बर को पुरस्कार वितरण समारोह व रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ। हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. के.सी. शर्मा ने की व मुख्य अतिथि चर्चित कवि पद्मश्री डॉ. चन्द्र प्रकाश देवल थे। डॉ. देवल एक प्रसिद्ध राजस्थानी व हिंदी कवि और अनुवादक हैं। डॉ. देवल को अपने पहले कविता संग्रह पागी के लिए 1979 (उन्नीस सौ उन्यासी) में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है।
पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे निबन्ध प्रतियोगिता, स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर प्रस्तुतीकरण प्रतियोगिता व कर्मचारियों के लिए टंकण प्रतियोगिता तथा हिन्दी टिप्पण व प्रारूपण प्रतियोगिता के विजेताओं को समापन समारोह में मुख्य अतिथि व प्रभारी कुलपति द्वारा पुरस्कार दिए गए।
कार्यक्रम की शुरूआत में प्रभारी कुलपति महोदय ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत किया। इसके उपरान्त हिन्दी विभाग की सह प्राध्यापक डॉ. लक्ष्मी अय्यर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने पखवाड़े के दौरान कार्यकारी हिन्दी को स्वरूप देने के लिए कुलपति का आभार व्यक्त किया। विशिष्ट अतिथि के स्वागत में हिन्दी विभाग की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अंग्रेजी व कल्चर व मीडिया की छात्राओं ने युगल नृत्य रंगीलो म्हारो ढोलना व पीली लुगड़ी नृत्य प्रस्तुत किया। हिन्दी विभाग द्वारा प्रस्तुत लघु नाटिका में अंग्रेजी और हिन्दी के समावेश को प्रस्तुत करते हुए ‘‘वॉटर’’ शब्द पर ज़ोर देते हुए विद्यार्थियों ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए लेकिन मातृभाषा से दूर नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर हिन्दी विभाग द्वारा कव्वाली भी प्रस्तुत की गई जिसे देखकर दर्शकों की तालियों से सभागार गूंज उठा। इस विशेष कार्यक्रम में हिन्दी पखवाड़े के दौरान आयोजित सवरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता व स्लोगन प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त विजेताओं ने अपनी प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. चन्द्र प्रकाश देवल ने अपने वक्तव्य में कहा कि यदि भाषा नहीं होती तो न विज्ञान होता, न सामाजिक विज्ञान होता और न ही कोई ज्ञान होता। जितना मनुष्य के शरीर में सांस अनिवार्य है उतनी ही भाषा भी अनिवार्य है ये भाषा ही है जिसके सहारे सब संभव हुआ है। अपने वक्तव्य में डॉ. देवल ने साहित्य के महत्व को समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों को यह सीख दी कि जिस दिन आपने अपनी पहचान की खिड़की बन्द कर दी उस दिन आपकी आंखों के आगे अन्धेरा होगा। इसलिए भाषा को जीवित रखने का निरन्त प्रयास करते रहें। डॉ. देवल ने विश्वविद्यालय को सुन्दर विश्वविद्यालय की उपमा देते हुए यह उम्मीद जताई कि राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय निश्चित तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में एक उदाहरण स्वरूप पेश होगा।
समारोह में प्रभारी कुलपति प्रो. के.सी. शर्मा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में मुख्य अतिथि डॉ. देवल को आतिथ्य स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया साथ ही विज्ञान और भाषा के महत्व को समझाते हुए ‘‘हम आज़ाद हैं’’ विषय पर स्वरचित कविता सुनाकर सबको आश्चर्य चकित कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में प्रभारी हिन्दी अधिकारी व कार्यक्रम संयोजक डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ने सभी को धन्यवाद दिया। इस अवसर का विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों ने भरपूर आनन्द उठाया। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक संदीप विश्वनाथ राव ने किया।
हिन्दी पखवाडे़ में विजेता रहे प्रतिभागियों की सूची
नारा-लेखन प्रतियोगिता-
प्रथम पुरस्कार-सुमित्रा कुमारी बुरानियाँ-एम. ए. हिंदी तृतीय सेमेस्टर।
द्वितीय पुरस्कार-विशाल गोयल-प्रबंधन तृतीय सेमेस्टर
तृतीय पुरस्कार-अनुराग सिंह ‘हिमांशु’ प्रबंधन – तृतीय सेमेस्टर। निबंध-लेखन प्रतियोगिता-
प्रथम पुरस्कार – नीलम पारीक – एम. ए. हिंदी प्रथम सेमेस्टर।
द्वितीय पुरस्कार-रामअवतार धांधा – इंटिग्रेटेड – भौतिकी।
तृतीय पुरस्कार – दीपक थालौर – अंग्रेजी – तृतीय सेमेस्टर।
तृतीय पुरस्कार-नरेन्द्र सिंह-हिंदी-प्रथम सेमेस्टर।
हिंदी टंकण प्रतियोगिता-
(विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए)
प्रथम पुरस्कार- विनीत प्रकाश विश्नोई
द्वितीय पुरस्कार-आशीष कुमार गुप्ता
तृतीय पुरस्कार-दिलीप रायचन्दानी हिंदी टिप्पण और प्रारूपण प्रतियोगिता-
(विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए)
प्रथम पुरस्कार – आशीष कुमार गुप्ता
द्वितीय पुरस्कार – मनोज कुमार इंदौरिया
तृतीय पुरस्कार – वीरेन्द्र कुमार पारीक
वाद-विवाद प्रतियोगिता-
पक्ष-
प्रथम पुरस्कार – ऋषभ चौधरी – प्रबंधन – प्रथम सेमेस्टर।
द्वितीय पुरस्कार – सुरेश गोदारा – इंटिग्रेटेड – गणित।
विपक्ष-
प्रथम पुरस्कार – मनोज खोंखर – बायोकेमिस्ट्री तृतीय सेमेस्टर।
द्वितीय पुरस्कार – सुनिल कुमावत – हिंदी प्रथम सेमेस्टर। स्वरचित काव्य-पाठ प्रतियोगिता-
प्रथम पुरस्कार – लोकेश कुमार – एम.ए. अंग्रेजी – प्रथम सेमेस्टर।
द्वितीय पुरस्कार – सुनील कुमावत – एम.ए. हिंदी-प्रथम सेमेस्टर।
तृतीय पुरस्कार – मौसम – एम.ए. अंग्रेजी – प्रथम सेमेस्टर।
तृतीय पुरस्कार-सुमेर सिंह रावल- एम.ए. हिंदी-तृतीय सेमेस्टर।
पोस्टर प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता-
प्रथम पुरस्कार – अर्पित कटियार – इंटिग्रेटेड – स्टैटिस्टिक्स।
द्वितीय पुरस्कार – अक्षय भारद्वाज – इंटिग्रेटेड – बायोकेमिस्ट्री।
तृतीय पुरस्कार – रामअवतार धांधा – इंटिग्रेटेड – भौतिकी।

(अनुराधा मित्तल)
जनसम्पर्क अधिकारी
प्रेषक राजकुमार शर्मा

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