अजमेर। विधानसभा आमचुनाव के लिए मतदाताओं को अपने मताधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तैयार किए गए मतदाता जागरूकता रथ सोमवार को गावों की ओर कूच कर गए। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलक्टर श्री वैभव गालरिया तथा स्वीप कार्यक्रम प्रभारी श्री सी आर मीणा ने हरी झंडी दिखाकर रथों को कलेक्टे्रट से रवाना किया।
सूचना केंद्र में तैयार किए मतदाता जागरूकता रथ जैसे ही सूचना केंद्र से बाहर निकले तो लोगों का हूजूम इन रथों को देखने के लिए उमड पडा। पारंपरिक वाद्ययंत्रों बांकिया, खडताल, ढोल, मजीरों ने जब अपनी धुन पकडी तो लोककलाकारों के साथ आमजन के कदम भी थिरकने लगे। लोग इन कलाकारों के साथ कारवां के रूप में जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां जिला निर्वाचन अधिकारी व कलक्टर श्री वैभव गालरिया तथा स्वीप कार्यक्रम प्रभारी श्री सी आर मीणा ने हरी झंडी दिखाकर इन रथों को रवाना किया।
रथों को रवाना करने से पूर्व जिला निर्वाचन अधिकारी श्री वैभव गालरिया ने तैयार किए गए रथों को देखा तथा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रदर्शित सामग्री को सराहा। इस मौके पर उन्होंने बताया कि ये रथ गांव-गांव जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में मताधिकार के महत्व का संदेश जन-जन तक पहुंचाएंगे, साथ ही नए मतदाताओं के नाम जोडनें, मतदाता सूची में संशोधन संबंधी प्रावधानों की जानकारी भी आमजन को उपलब्ध कराएंगे। इन रथों के साथ जागरूकता के लिए तैयार किए गए कला जत्थें भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से लोगों को मतदान हेतु प्रेरित करने का संदेश देंगे।
इस मौके पर स्वीप कार्यक्रम प्रभारी व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री सी आर मीणा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी सहित अनेक अधिकारी अपार जनसमूह उपस्थित था।
कला जत्थें प्रस्तुत करेंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम :
जिला निर्वाचन अधिकारी व कलक्टर श्री वैभव गालरिया के निर्देशानुसार जिले की 4 पंचायत समितियों में प्रतिदिन दो-दो कला जत्था कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए कार्यक्रम का निर्धारण कर दिया गया है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद एवं स्वीप प्रभारी श्री सी आर मीणा ने बताया कि मंगलवार 15 अक्टूबर को अरांई के छोटालाम्बा एवं सान्दोलिया में, किशनगढ के खातोली एवं रलावता में, श्रीनगर के रसूलपुरा एवं घूघरा में तथा पीसांगन के गोविंदगढ़ एवं पीसांगन गांवों में कार्यक्रम आयोजित होंगे। जबकि बुधवार 16 अक्टूबर को अरांई के सिरोंज एवं अंराई में, किशनगढ के रूपनगढ़ एवं त्योद में, श्रीनगर के रामनेर ढाणी एवं नरवर में तथा पीसांगन के पगारा एवं करनोस गांवों में, गुरूवार 17 अक्टूबर को अरांई के बोराड़ा एवं कांशीर में, किशनगढ के पनेर एवं नवां में, श्रीनगर के कायड एवं चाचियावास में तथा पीसांगन के भडसूरी एवं लामाना गांवों में, शुक्रवार 18 अक्टूबर को अरांई के मनोहरपुरा एवं हरपूरा में, किशनगढ के थल एवं सुरसूरा में, श्रीनगर के अरडका एवं बबायचा में तथा पीसांगन के गोला एवं नागलाव गांवों में, शनिवार 19 अक्टूबर को अरांई के संपला एवं भगवानपुरा में, किशनगढ के करकेड़ी एवं अमरपुरा में, श्रीनगर के बीर एवं दांता में तथा पीसांगन के पिचौलिया एवं भगवानपुरा गांवों में, रविवार 20 अक्टूबर को अरांई के कटसूरा एवं कालानाड़ा में, किशनगढ के कुचील एवं काढा में, श्रीनगर के श्रीनगर एवं कानाखेड़ी में तथा पीसांगन के रामपुरा डाबला एवं बुधवाड़ा गांवों में, सोमवार 21 अक्टूबर को अरांई के गोठियाना एवं मंडावरिया में, किशनगढ के हरमाड़ा एवं बुहारू में, श्रीनगर के फारक्या एवं लवेरा में तथा पीसांगन के भांवता एवं डूमाडा गांवों में , मंगलवार 22 अक्टूबर को अरांई के फतहगढ एवं बिडला में, किशनगढ के पाटन एवं तिलोनिया में, श्रीनगर के तिलाना एवं ढाल में तथा पीसांगन के सोमलपुर एवं दौराई गांवों में, बुधवार 23 अक्टूबर को अरांई के स्यार एवं अजगरा में, किशनगढ के नलू एवं बान्दरसीन्दरी में, श्रीनगर के लोहरवाड़ा एवं दिलवाड़ा में तथा पीसांगन के हटूण्डी एवं तबीजी गांवों में, गुरूवार 24 अक्टूबर को अरांई के सूंपा एवं हिंगोनियां में, किशनगढ के डीडवाना एवं सरगांव में, श्रीनगर के कानपुरा एवं तिहारी में तथा पीसांगन के सराधना एवं केसरपुरा गांवों में, शुक्रवार 25 अक्टूबर को अरांई के लल्लाई एवं रामपाली में, किशनगढ के मालियों की बाड़ी एवं सिलोरा में, श्रीनगर के सनोद एवं रामसर में तथा पीसांगन के मायापुर एवं राजगढ़ गांवों में तथा शनिवार 26 अक्टूबर को अरांई के आकोडिया एवं खीरियां में, किशनगढ के टीकावड़ा एवं बरना में, श्रीनगर के पालरा एवं सेंदरिया में तथा पीसांगन के बिठूर एवं बाघसूरी गांवों में कला जत्था कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।