एसयूवी बने कंपनियों व ग्राहकों की पहली पसंद

सुस्ती ने भारतीय कार बाजार का ट्रेंड पूरी तरह से बदल दिया है। इस बाजार को दो वर्ष पहले तक छोटी कारों के मक्का के तौर पर जाना जाता था। मगर आज यह स्पो‌र्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) और मल्टी परपस व्हीकल्स (एमपीवी) से गुलजार है। कार कंपनिया इस त्योहारी सीजन में अपनी बिक्त्री बढ़ाने के लिए छोटी कारों के बजाय महंगे व भारी-भरकम एसयूवी वाहनों पर दाव लगा रही हैं। बाजार के बदले माहौल का ही नतीजा है कि इस त्योहारी सीजन में सिर्फ एक छोटी कार लाच की गई है। इसकी तुलना में पिछले एक महीने में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, रेनॉ जैसी कंपनिया आधा दर्जन नए एसयूवी बाजार में उतार चुकी हैं। यह पहला मौका है जब भारतीय बाजार में एक साथ सात लाख रुपये से लेकर 22 लाख रुपये तक के एसयूवी की नई लाचिंग की गई है। जानकारों का कहना है कि सुस्त पड़े कार बाजार में इस बार एसयूवी ही रौनक लौटा सकते हैं। एसयूवी बाजार की सबसे बड़ी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा के चीफ एक्जीक्यूटिव प्रवीण शाह का मानना है कि अगले दो महीने के दौरान एसयूवी वाहनों की बिक्त्री छोटी कारों के मुकाबले तीन गुनी ज्यादा रह सकती है। यही वजह है कि महिंद्रा ने कुछ दिन पहले जहा अपनी एसयूवी क्वाटो को लाच किया था, वहीं अब उसने अपनी दक्षिण कोरियाई अनुषंगी सैंगयोंग की एसयूवी रेक्सटॉन उतारी है। मारुति सुजुकी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (विपणन व सेल्स) मयंक पारीक भी मानते हैं कि एसयूवी की बिक्त्री अभी तेज बनी रहेगी। इसकी वजह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी अंतर है। पिछले एक वर्ष में जितने एसयूवी की बिक्त्री भारत में हुई है, उनमें 95 फीसद डीजल चालित हैं। मारुति की बाजार हिस्सेदारी में पिछले दो वर्षो में गिरावट के लिए एसयूवी बाजार में उसके नहीं होने को जिम्मेदार माना जाता है। मारुति ने इस कमी को पूरा करने के लिए इस वर्ष अर्टिगा लाच किया है। ताजा आकड़े बताते हैं कि अप्रैल से सितंबर, 2012 के दौरान जहा पूरे कार बाजार में 0.3 फीसद की गिरावट आई है, वही एसयूवी बाजार में 56 फीसद की तेजी दर्ज की गई है। इस अवधि में कुल 2,55,895 एसयूवी की बिक्त्री हुई है। पिछले एक वर्ष में एक दर्जन एसयूवी बाजार में पेश किए जा चुके हैं। विदेशी कंपनिया स्कोडा, रेनॉ, फोर्ड भारतीय बाजार को ध्यान में रख कर ही एसयूवी तैयार कर रही हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एसयूवी बाजार के लिए वाहन लाने पर 4000 करोड़ रुपये के नए निवेश का एलान किया है। टाटा मोटर्स भी घरेलू ऑटो उद्योग में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक वर्ष के भीतर दो नए एसयूवी लाने जा रही है।

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