सिर्फ पांच टेलीकॉम कंपनियां लगाएंगी बोली

2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश में जुटी केंद्र सरकार को नाउम्मीद होना पड़ सकता है। आगामी 12 नवंबर को होने जा रही इस नीलामी के लिए सिर्फ पांच दूरसंचार कंपनियां बोली लगाएंगी। दूरसंचार विभाग (डॉट) के मुताबिक भारती, वोडाफोन, आइडिया, वीडियोकॉन और टेलीविंग्स कम्युनिकेशंस ही खुली निविदा प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगी।

मंगलवार को खुली निविदा प्रक्रिया में शामिल होने की इच्छा जता चुकी कंपनियों के लिए नाम वापस लेने की अंतिम तारीख थी। जानकारों का कहना है कि इनमें से अधिकांश कंपनियां सिर्फ कुछ चयनित सर्किलों के लिए ही बोली लगाएंगी। ऐसे में इस बात की संभावना कम ही है कि 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को मिलेगा।

सीडीएमए आधारित मोबाइल सेवा के लिए स्पेक्ट्रम बेचने की सरकारी मंशा को पहले ही पानी फिर चुका है। इस सेवा के लिए दो कंपनियों- टाटा टेलीसर्विसेज और वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशंस ने बोली लगाई थी। मगर दोनों बोली लगाने के दौर से नाम वापस ले चुकी हैं। ऐसे में सीडीएमए स्पेक्ट्रम के लिए कोई बोली नहीं लगाई जाएगी।

सीडीएमए के बाद जीएसएम सेवा के लिए 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भी सिर्फ पांच कंपनियों के दौड़ में शामिल होने के चलते इनके बीच कड़े मुकाबले की गुंजाइश कम ही है। टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से खास रुचि नहीं दिखाने की सबसे बड़ी वजह आधार मूल्य का बहुत ज्यादा है। देश के सभी 22 सर्किलों में जीएसएम सेवा शुरू करने के लिए किसी भी कंपनी को 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगानी होगी। यह कीमत वर्ष 2008 में जिस दर पर स्पेक्ट्रम दिया गया था, उससे सात गुना ज्यादा है। सरकार ने इस 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद किया है। शीर्ष अदालत ने इस साल की शुरुआत में पूर्व संचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में आवंटित 122 लाइसेंस रद कर दिए थे।

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