डीजल में 4.50 रुपये, रसोई गैस में 100 रुपये वृद्धि का प्रस्ताव

पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल के दाम तीन से लेकर 4.50 रुपये प्रति लिटर तथा रसोई गैस के दाम में 100 रुपये प्रति सिलेंडर वृद्धि का प्रस्ताव किया है। मंत्रालय ने इसके साथ ही सब्सिडी पर मिलने वाले सिलेंडर की संख्या मौजूदा छह से बढ़ाकर नौ सिलेंडर सालाना करने का भी सुझाव रखा है।

मंत्रालय ने इस आशय का एक नोट केंद्रीय मंत्रिमंडल के विचारधीन भेजा है। इसमें पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस आदि को लागत से कम कीमत पर बेचे जाने के कारण होने वाले 1,60,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए विकल्पों का प्रस्ताव किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि चूंकि वित्त मंत्रालय ने सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने से पड़ने वाले सब्सिडी बोझ को वहन करने से इनकार कर दिया है, मंत्रालय ने इसकी भरपाई कीमतें बढ़ाकर करने का प्रस्ताव किया है। मंत्रालय ने (14.2 किलो) सिलेंडर के दाम 100 रुपये प्रति सिलेंडर दो किश्त में बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।

सस्ते सिलेंडर की बिक्री पर कंपनियों को इस समय 490.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। मंत्रालय का प्रस्ताव है कि जब तक सिलेंडर पर होने वाले पूरे नुकसान की भरपाई नहीं हो जाती है, तब तक अप्रैल, 2013 से हर तीन महीने में सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ाए जाने चाहिए।

डीजल के मामले में मंत्रालय ने एक बार में तीन से 4.50 रुपये प्रति लिटर की वृद्धि या फिर एक या डेढ़ रुपये प्रति लिटर की वृद्धि मासिक किस्त में करने की सिफारिश की है। इस समय डीजल की ब्रिकी पर कंपनियों को 10.16 रुपये प्रति लिटर का नुकसान (अंडररिकवरी) हो रहा है।

मंत्रालय चाहता है कि जब तक कंपनियों की अंडररिकवरी यानी कमवसूली पूरी नहीं हो जाती, तब तक अप्रैल से हर महीने एक रुपये प्रति लिटर दाम बढ़ाए जाने चाहिए। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने मार्च, 2015 तक केरोसीन के दाम 35 पैसे प्रति लिटर प्रति महीने या एक रुपये प्रति लिटर प्रति तिमाही बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल को मंत्रालय द्वारा भेजा गया प्रस्ताव विजय केलकर समिति की सिफारिशों पर आधारित है।

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