गुजरात में जारी रहेगी निवेश की बौछार

गुजरात में आयोजित तीन दिवसीय निवेशक सम्मेलन ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के पहले दिन निजी कंपनियों ने करीब 28,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इन कंपनियों में एस्सार, एबीजी शिपयार्ड, जुबिलेंट लाइफ साइंसेस और अडानी समूह शामिल हैं।

इस साल सम्मेलन में पिछले साल की तुलना में 15 हजार ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। पिछले साल इनकी संख्या 52,000 रही थी। पिछले साल कंपनियों ने 20.83 लाख करोड़ रुपये के करीब 8,000 निवेश समझौते किए थे। इस बार कंपनियां समझौते करने के बजाय केवल निवेश प्रतिबद्धता जता रही हैं। आमतौर पर यह प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं होतीं।

सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह आयोजन केवल निवेश के लिए नहीं है। एस्सार ग्रुप के चेयरमैन शशि रुइया ने प्रदेश के बंदरगाह और जलापूर्ति क्षेत्र में 14,000 करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जताई। समूह अब तक यहां 88,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है। अडानी समूह ने भी 5,000 करोड़ रुपये निवेश की इच्छा जताई।

देश की सबसे बड़ी निजी जहाज निर्माता कंपनी एबीजी शिपयार्ड प्रदेश में एक नई इकाई स्थापित करने पर 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। टाटा समूह प्रदेश में 34,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी पर 500 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

फार्मा क्षेत्र की कंपनी जुबिलेंट लाइफसाइंसेज प्रदेश में 1,300 से 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी अब तक यहां 2,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है। एचडीएफसी बैंक प्रदेश में अगले तीन साल में अपनी 250 नई शाखाएं खोलेगा। इससे प्रदेश में इसकी कुल शाखाएं 465 हो जाएंगीं।

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