कृषि उत्पाद निर्यात बढ़ाने को उपाय ढूंढ रही सरकार

अमेरिका और यूरोप में मांग कम होने के चलते इस साल भी निर्यात में वृद्धि की गुंजाइश नहीं देख केंद्र सरकार ने इसके दूसरे रास्ते तलाशने शुरू कर दिए हैं। डेयरी समेत अन्य प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय मांग को देखते हुए सरकार ने कृषि उत्पादों के निर्यात की नीति में फेरबदल कर दिया है। अब कृषि जिंसों के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद देश से प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) कृषि उत्पादों का निर्यात किया जा सकेगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे निर्यात की गिरती रफ्तार को रोकने में कुछ मदद मिलेगी। अभी तक किसी भी तरह के अनाज, दूध और अन्य कृषि जिंसों के निर्यात पर किसी भी तरह की रोक लगने के बाद इनसे तैयार प्रोसेस्ड उत्पादों का निर्यात भी रुक जाता है। मसलन अगर दूध के निर्यात पर रोक है तो इससे बने दूसरे उत्पाद जैसे स्किम्ड मिल्क पाउडर, छेना और उससे बनी मिठाइयों का निर्यात भी नहीं किया जा सकता था। लेकिन अब सरकार ने इस नीति को उलट दिया है। अब मुख्य उत्पाद के निर्यात पर पाबंदी होने पर भी उससे तैयार प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात किए जा सकेंगे। इस फेरबदल के बाद चीज, दही, मक्खन और अन्य फैट प्रोडक्ट, मूंगफली के तेल से निकला मक्खन और प्याज के मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात हो सकेगा। वाणिज्य मंत्रालय के नीति फेरबदल के इस प्रस्ताव पर पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।

वाणिज्य मंत्रालय की अन्य मंत्रालयों व विभागों से हुई चर्चा के दौरान कई अन्य उत्पादों को भी निर्यात की संभावना वाला बताया गया है। मसलन गेहूं के निर्यात पर 2007 से प्रतिबंध के बावजूद मैदा, सूजी, आटा का निर्यात जारी रखने पर खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को कोई आपत्ति नहीं है। वहीं, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने दालों, खाद्य तेल और प्रसंस्कृत मक्का के निर्यात का भी सुझाव दिया है।

प्रमुख जिंसों के निर्यात पर रोक के चलते प्रोसेस्ड कृषि उत्पादों का पिछले तीन साल में निर्यात ज्यादा रफ्तार नहीं पकड़ पाया। वर्ष 2008-09 से लेकर 2010-11 के तीन साल में इन उत्पादों का निर्यात लगभग 60 करोड़ डॉलर के आसपास ही रहा। वहीं, सभी कृषि उत्पादों का निर्यात 2010-11 में 27.36 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच चुका है।

निर्यात में गिरावट

अप्रैल , 3.3

मई , -4.16

जून , -5.45

जुलाई , -14.80

अगस्त , -9.74

सितंबर , -10.78

अक्टूबर , -1.6

नवंबर , -1.92

(बीते साल के सभी आंकड़े प्रतिशत में)

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